- महिलाओं को शक्ति पहुंचाने वाली जीत है : हेकानी
नागालैंड.नागालैंड की स्थापना 1 दिसम्बर 1963 को भारत के 16वें राज्य के रूप में हुई थी.नागालैंड भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है.इसकी राजधानी कोहिमा है, जबकि दीमापुर राज्य का सबसे बड़ा नगर है. नागालैंड की सीमा पश्चिम में असम से, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश से, पूर्व में बर्मा से और दक्षिण में मणिपुर से मिलती है.असम घाटी के किनारे बसे कुछ क्षेत्रों को छोड़कर राज्य का अधिकतर हिस्सा पहाड़ी है. राज्य के कुल क्षेत्रफल का केवल 9 प्रतिशत हिस्सा समतल जमीन पर है. नागालैंड में सबसे ऊँची चोटी माउंट सारामती है जिसकी समुद्र तल से उँचाई 3840 मी है.यह पहाड़ी और इसकी शृंखलाएँ नागालैंड और बर्मा के बीच प्राकृतिक अवरोध का निर्माण करती हैं. यह राज्य वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता का घर है. भारत आजादी के 75 साल मना रहा है. अगर हम भारत के आम चुनावों में महिलाओं की भागीदारी और प्रदर्शन के आंकड़ों पर एक नज़र डालें तो यह हमें सोचने को मजबूर कर देता है कि जमीनी स्तर पर स्थिति बहुत ज्यादा नहीं बदली है.इसी को ध्यान में रखकर नागालैंड में इस बार जनता ने 27 फरवरी को 14वीं बार विधानसभा के लिए वोट डाले थे. प्रदेश के 60 साल के इतिहास में आज तक कोई भी महिला विधायक नहीं चुनी जा सकी थी. लेकिन इस बार ये परंपरा टूट गई. नागालैंड की जनता ने इस बार इतिहास रच दिया है. जनता ने इस बार एक नहीं बल्कि दो महिलाओं को जिताकर विधानसभा भेजा. दोनों महिला विधायक बीजेपी समर्थित एनडीपीपी से हैं.इसका परिणाम 02 मार्च को आया. नागालैंड में इतिहास रचकर विधानसभा जाने वाली 48 साल की हेकानी जाखलू हैं.दीमापुर-तृतीय उन चार निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जहां महिला चुनाव मैदान में उतरी थीं. यहां के पांचों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर रही. एनडीपीपी उम्मीदवार हेकानी जाखलू ने मौजूदा विधायक अजहेतो झिमोमी को हराकर जीत हासिल की है. 48 साल की हेकानी ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एजेटो झिमोमी को 1536 वोट से हराया. उन्हें 14,395 वोट मिले. खास बात ये है कि वह सिर्फ 7 महीने पहले ही राजनीति में आई थीं. हकानी ने दीमापुर 3 विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता है. नवनिर्वाचित विधायक हेकानी जाखलू ने लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वूमेन से पढ़ाई की है. साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ लॉ से पढ़ने के बाद सैन फ्रांसिस्को विश्वविद्यालय से एलएलएम किया है. बाद में उन्होंने दिल्ली में एक लॉ फर्म में काम भी किया. साल 2005 में जाखलू नागालैंड लौटी और उन्होंने यूथनेट नामक एक गैर सरकारी संगठन की शुरुआत की.हेकानी जाखलू ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एक कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम भी किया हुआ है. साल 2018 में हेकानी जाखलू को बाल और महिला विकास मंत्रालय ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया. वह पेशे से वकील भी हैं. उन्होंने कहा कि वह पिछले 17 सालों से अपने एनजीओ के माध्यम से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि वह 1.2 लाख युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देकर रोजगार दिलाने में सफल रही हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि जब तक आप सिस्टम में नहीं आते, आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकते.वे महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती हैं. उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र को एक मॉडल बनाने का वादा किया और अल्पसंख्यक आबादी वाले क्षेत्रों के विकास पर विशेष जोर दिया. चुनावी हलफनामे में, हेकानी जाखलू ने खुद पर ₹41.95 लाख से अधिक का कर्ज भी घोषित किया है. चुनावी हलफनामे के अनुसार, हेकानी और उनके पति के पास आधा दर्जन कारें हैं. इसकी कुल कीमत 1.32 करोड़ से ज्यादा बताई गई है. हेकानी के पास टोयोटा इनोवा कार है. हलफनामे में, उसने अपने पति के स्वामित्व वाली पांच अलग-अलग कारों को सूचीबद्ध किया है. बताते चले कि 1977 में रानो एम शैज़ा नागालैंड से लोकसभा के लिए चुनी जाने वाली पहली और एकमात्र महिला सांसद थीं. वह कांग्रेस पार्टी की सदस्य थीं और तुएनसांग-सोम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती थीं.नागालैंड भाजपा की महिला मोर्चा की अध्यक्ष फांगनोन कोन्याक मार्च 2022 में निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुनी गईं. इस प्रकार उच्च सदन में प्रवेश करने वाली नागालैंड की वह पहली महिला बनीं.
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