- जन सुराज पदयात्रा: 164वां दिन
लालू ने चरवाहा विद्यालय खोला और नीतीश ने शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त कर सभी को चरवाहा बना दिया
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के एकमा में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में लोगों को कुछ और समझ में आता हो या न आता हो, लेकिन राजनीति बहुत अच्छे से समझ आती है। जहां भी चार आदमी बैठ जाते हैं वो दिन रात राजनीति की ही बात करते हैं। लेकिन उनको अपनी चिंता नहीं है, देश तभी मजबूत होगा जब आप अपनी और अपने बच्चों की चिंता करेंगे। जो अपनी चिंता नहीं कर रहा है वो देश की क्या चिंता करेगा। राष्ट्रवाद के नाम पर जो वोट आप देते हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। राष्ट्रवाद के नाम पर बिहार को अनपढ़ बना दिया गया है। यदि बिहार अनपढ़ रहेगा तो उससे देश कमजोर होगा या मजबूत होगा? लालू जी ने अपने राज में चरवाहा स्कूल खोले थे और नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करके सब को चरवाहा बना दिया है। स्कूल-कॉलेज बिहार में नाम के लिए चल रहे हैं, पढ़ाई दोनों में से कहीं नहीं हो रही है। बिहार की हालत इसलिए खराब है, क्योंकि एक आदमी चरवाहा स्कूल खोल रहा था और एक चरवाहा बना रहा है।
जंगलराज के लिए जिम्मेदार लोग भी आज खुलेआम झूठ बोल कर 10 लाख नौकरी देने का वादा कर रहे हैं
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार को कोई नेता नहीं ठग रहा है। अगर नेता ठग रहा होता तो एक बार ठगता, दो बार ठगता तो बिहार की जनता जग जाती। लेकिन नेता बिहार की जनता को पिछले 50 सालों से ठगे जा रहे हैं, तो तो इसका तात्पर्य यह है कि दोष बिहार की जनता में है। उन्होंने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने खुल्लम-खुल्ला झूठ बोला कि 10 लाख नौकरी दे देंगे। बिहार की जनता को भी पता है कि नौकरी नहीं मिलेगी। लेकिन इस झूठे वादे को ले कर भी आज बिहार में चर्चा हो रही है कि 10 लाख नौकरी देने को कहा गया था, तो नौकरी कब मिलेगी। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जो लोग जंगलराज के लिए जिम्मेदार हैं, वो भी आज यह कह रहे हैं कि 1 लाख लोगों को नौकरी और दस हजार लोगों को सर्टिफिकेट देंगे। बिहार की जनता के लिए यह एक उदाहरण है कि समाज में जिस विषय पर वोट पड़ेगा सभी दलों व नेताओं को उसपर प्रयास करना पड़ेगा। बिहार की जनता को शिक्षा रोजगार और खेती को सुधारने के लिए वोट करना चाहिए। अगर आप इस पर वोट नहीं करेंगे तो बिहार की बदहाली को कोई नहीं बदल सकता।
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