- * जिले के सभी प्रखंडों के चिन्हित गांवों/कस्बों में चलाया जाएगा छिड़काव अभियान
- * संभावित कालाजार मरीजों को चिकित्सकीय सहायता के लिए भेजा जाएगा अस्पताल
- * बालूमक्खी के काटने से होती है कालाजार की बीमारी
- * कालाजार मरीजों को इलाज के साथ श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाती है सहायता राशि
जिले के सभी प्रखंडों के चिन्हित गांवों/कस्बों में चलाया जाएगा छिड़काव अभियान :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर छः महीने में जिले लोगों को कालाजार से सुरक्षित रखने के लिए छिड़काव अभियान चलाया जाता है। इस दौरान पिछले तीन वर्षों में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पाए गए ज्यादा कालाजार मरीजों को देखते हुए वहां छिड़काव अभियान चलाया जाएगा। मार्च महीने में चलाए जा रहे कालाजार छिड़काव अभियान के लिए जिले के सभी प्रखंडों के गांवों/कस्बों को चिह्नित किया गया है। मौके पर डॉ. झा ने बताया कि वर्ष 2023 के पहले छमाही में कालाजार छिड़काव के लिए 15 मार्च की तिथि संभावित की गई है।
संभावित कालाजार मरीजों को चिकित्सकीय सहायता के लिए भेजा जाएगा अस्पताल :
वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन ने कहा कि कालाजार बीमारी बालूमक्खी के काटने से होने वाला रोग है, लेकिन इसका इलाज आसानी से संभव है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी प्रवेश कर जाता है। दो सप्ताह से अधिक बुखार, पेट के आकार में वृद्धि, भूख नहीं लगना, उल्टी होना, शारीरिक चमड़ा का रंग काला होना आदि कालाजार बीमारी के लक्षण हैं। ऐसा लक्षण शरीर में महसूस होने पर अविलंब जांच कराना जरूरी होता है। नमी एवं अंधरे वाले स्थान पर कालाजार की मक्खियां ज्यादा फैलती हैं। मुख्य रूप से पोस्ट कालाजार डरमल लिश्मैनियासिस (पीकेडीएल) एक त्वचा रोग है, जो कालाजार के बाद होता है। इसके उपचार में विलंब से हाथ, पैर और पेट की त्वचा काली होने की शिकायतें मिलती हैं। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कालाजार का इलाज आसानी से हो सकता है। छिड़काव अभियान के दौरान क्षेत्रों में ऐसे मरीजों की भी खोज की जाएगी और उन लोगों को तत्काल इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा जाएगा।
कालाजार मरीजों को इलाज के साथ श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाती है सहायता राशि :
कालाजार के मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज आसानी से किया जाता है। इलाज के साथ ही कालाजार संक्रमित मरीजों को सरकार द्वारा श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सहायता राशि भी प्रदान की जाती है। सरकार द्वारा प्रति कालाजार पीड़ित मरीज़ को 7100 रुपये की श्रम-क्षतिपूर्ति राशि भी दी जाती है। यह राशि भारत सरकार के द्वारा 500 एवं राज्य सरकार की ओर से कालाजार राहत अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि के रूप में 6600 सौ रुपये दी जाती है। प्रशिक्षण में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा, वेक्टर नियंत्रण पदाधिकारी राकेश कुमार रंजन , केयर इंडिया के डीपीओ धीरज कुमार सिंह सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी व छिड़काव कर्मी उपस्थित रहे।
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