- महंगाई पर नियंत्रण और रसोई गैस की कीमत 500रु फिक्स करने की मांग
पटना. आज अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की पटना जिला इकाई के नेतृत्व में महिलाओं ने विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई. प्रदर्शन में पटना के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं. महिलाओं को समर्थन देने भाकपा माले के विधायक दल नेता महबूब आलम भी प्रदर्शन स्थल पहुंचे और कहा कि वे महिलाओं के मुद्दे को हर संभव तरीक़े से सरकार के समक्ष उठायेंगे. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार के शासन में बढ़ती महंगाई से पूरा देश बेहाल है. चुनाव के समय मुफ्त रसोई गैस योजना के नाम पर वोट मांगें गए लेकिन अब गैस की कीमत पर नियंत्रण रखने की बजाय केंद्र सरकार ने इसकी कीमत बढ़ाने और मुनाफा कमाने के लिए गैस कंपनियों को खूली छूट दे दी है जिससे गरीब महिलाओं के लिए गैस सिलेंडर खरीदना मुश्किल हो गया है. बिहार सरकार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि आज भी बिहार में विधवा, वृद्धा पेंशन मात्र 400 रु. मिल रहा है! 400रु. से कोई अकेली विधवा या वृद्धा कैसे एक महीने तक अपना खर्च चला सकती हैं? अन्य कई राज्यों ने इस राशि में बढ़ोतरी की है. बिहार में महागठबंधन ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसे बढ़ाने का वायदा किया था लेकिन अब तक इसे बढ़ाया नहीं गया है. उन्होंने मांग की कि सरकार विधानसभा के जारी सत्र में इस राशि को 3000रु करने का निर्णय ले. राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे ने कहा कि रोजगार का अवसर महिलाओं के लिए कम होता जा रहा है. सरकार स्कीम वर्कर्स को स्थाई करने और उनकी मानदेय बढ़ाने की घोषणा करे. पटना ग्रामीण की सचिव माधुरी गुप्ता ने कहा कि मनरेगा से महिलाओं को बाहर करने और सम्पूर्ण योजना को ही खत्म करने की कोशिश हो रही है. उन्होंने मांग की कि मनरेगा में महिलाओं को 200 दिन काम और 600रु मजदूरी मिले. पटना नगर सहसचिव अनुराधा ने कहा कि मनरेगा की तर्ज पर शहरी महिलाओं के लिए भी रोजगार योजना बने और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को काम मिले. सभा को पूर्व मुखिया किरण देवी व आशा देवी, राखी मेहता, मालती राम, विभा गुप्ता, जूही आलम, रीता गुप्ता, अफ्शां जबीं, दमयंती सिन्हा, रेखा देवी, आब्दा खातुन, किरण देवी समेत कई महिलाओं ने संबोधित किया. सभा की अध्यक्षता सरोज चौबे और संचालन माधुरी गुप्ता ने किया.
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