- कृषि में जल का सक्षम उपयोग करना होगा - निदेशक आई सी ए आर
पटना, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास की अध्यक्षता में “प्रक्षेत्र स्तर पर जल उत्पादकता में वृद्धि” विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया | निदेशक डॉ. दास ने बताया कि कृषि जल की उपलब्धता बनाए रखने के लिए जल संरक्षण की नवीनतम् जानकारियों का होना अतिआवश्यक है। यदि कुछ जल संरक्षण की नवीनतम् तकनीकों को खेती में अपनाया जाए तो कम जल का सदुपयोग कर निश्चित रूप से प्रक्षेत्र में अधिक उत्पादन किया जा सकता है। उक्त सेमिनार में डॉ. आशुतोष उपाध्याय, प्रभारी प्रभागाध्यक्ष, भूमि एवं जल प्रबंधन ने संबंधित विषय पर व्याख्यान दिया | डॉ० उपाध्याय ने कृषि में जल उत्पादकता बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा की। जल उत्पादकता बढ़ाने के दो तरीके हैं। पहला तरीका है जिसमें जल की खपत बिना बढ़ाये उत्पादन बढ़ाया जाये और दूसरा तरीका है जिसमें उत्पादन न बढ़ने की स्थिति में जल की खपत को कम किया जाये । धान के खेत के चारों तरफ 20-25 से० मी० की मेड़ बन्दी द्वारा, मृदा संरक्षण तकनीकों द्वारा, जल के बहुआयामी उपयोग द्वारा, सिंचाई की आधुनिक तकनीकें अपनाकर, कृषि में समयबद्धता, मात्रा, गुणवत्ता, प्रबन्धन, प्रसंस्करण, भण्डारण व मूल्य संवर्धन द्वारा कृषि में जल उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है। इस सेमिनार का आयोजन डॉ. अनिल कुमार सिंह, प्रधान वैज्ञानिक-सह-संगोष्ठी संयोजक; डॉ. ए.के. चौधरी, प्रधान वैज्ञानिक एवं डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक के नेतृत्व में किया गया था | सेमिनार में संस्थान के सभी प्रभागों के प्रभागाध्यक्षगण एवं वैज्ञानिकगण मौजूद थे | डॉ. अनिल कुमार सिंह, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सेमिनार का समापन हुआ |
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