अपने प्रदर्शन में कालबेलिया नर्तकियां चरी नृत्य (सिर पर मटकी रखकर आग जलाना और नृत्य करना), प्रैट नृत्य (एक बड़े थाल के किनारे पर नृत्य करना), नाखूनों और दर्पणों पर नृत्य करना आदि शामिल है. इन खतरनाक नृत्यों में संतुलन की एक छोटी सी चूक कलाकार को चोटिल कर सकती है. हालांकि आधिकारिक रूप से प्रतिबंध के बाद, समुदाय अब सांपों को अपने खेल का हिस्सा नहीं बना सकते हैं, जैसा कि वे प्रतिबंध से पहले करते थे. सांप के साथ नृत्य उनके अस्तित्व का एक अभिन्न अंग है. राखी कहती हैं, 'हमारा डांस ही सांप की हरकतों से शुरू होता है.' बीन का संगीत इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. सांप हमारे जीवन से अलग नहीं है.” डांस में पीढ़ीगत बदलाव की चर्चा करते हुए राखी कहती है कि 'पहले वह स्टेज पर या होटलों में परफॉर्म नहीं करती थीं. छोटे-छोटे गांवों में स्थानीय स्तर पर प्रदर्शन आयोजित किए जाते थे. अब ये पेशेवर रूप से स्टेज शो, शादी समारोह और ऐसे आयोजनों के लिए किए जाते हैं.' स्कूल नहीं जाने के बावजूद फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने के बारे में उसके पति साधु कहते हैं कि 'हम बचपन से पुष्कर के बाजारों में विदेशियों के संपर्क में रहे हैं. जहां कई विदेशियों के साथ बातचीत करके हम धीरे धीरे सीख जाते हैं. दरअसल, जिंदगी हमें अंग्रेजी सिखाती है.”
राखी तीन बच्चों की मां हैं और अपनी सबसे छोटी दो साल की बेटी कोमल के कालबेलिया नृत्य सीखने को लेकर उत्साहित हैं. वह कहती हैं, ''जब मैं नृत्य करती हूं तो कोमल पहले से ही वह स्टेप करना शुरू कर देती है. मुझे यकीन है कि वह पढ़ेगी भी और नृत्य भी सीखेगी. जब मैं क्लास लेती हूं तो वह रोती नहीं है बल्कि उत्साह से भाग लेती है." वहीं उसके दोनों बेटे, सात वर्षीय दुर्गेश और पांच वर्षीय जैक लोक संगीत बजाना सीख रहे हैं. वह कहती है कि मैं अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहती हूं ताकि उन्हें मेरी तरह आने वाली कठिनाइयों का सामना न करना पड़े". आज राखी अपने समुदाय में मिली पहचान से संतुष्ट है. वह गर्व से कहती हैं, "छोटी लड़कियां मेरा अनुकरण करना चाहती हैं. मैंने जो किया है, उसकी सराहना होती है. मैं केवल अपने परिवार ही नहीं बल्कि अपनी कॉलोनी के लिए भी काम करती हूं. वर्षों पहले तक यहां पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं थी. मैंने कुछ स्थानीय पत्रकारों से बात की, जिन्होंने इसके बारे में लिखा और यह रास्ता बन गया, नहीं तो यहां एक मोटरसाइकिल भी नहीं आ पाती,” वह बताती है कि कैसे उसने अपने विदेशी संपर्कों के माध्यम से अपने क्षेत्र के बाहर काम करने वाले कलाकारों के लिए कोरोना राहत कार्य में भाग लिया था. राखी अपने सपनों के बारे में बताती है कि मुझे अपने कालबेलिया नृत्य से प्यार है. मैं जीवन भर यह नृत्य करना चाहती हूं. दरअसल, यह एक विरासत है जिसे वह अपने आने वाली पीढ़ी तक सफलतापूर्वक पहुंचना चाहती है. यह लेख संजॉय घोष मीडिया अवार्ड 2022 के तहत लिखा गया है.
शेफाली मार्टिन्स
राजस्थान
(चरखा फीचर)
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