जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के चेहराकला प्रखंड में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में आज स्कूल में बच्चें खिचड़ी खाने और कॉलेज में डिग्री लेने जा रहे हैं। आज जहां विद्यालय है वहां शिक्षक नहीं हैं, जहां शिक्षक हैं वहां विद्यालय नहीं है और जहां दोनों हैं वहां बच्चें ही नहीं हैं। समतामूलक शिक्षा व्यवस्था बनाने के चक्कर में सरकार ने हर गांव में स्कूल बनाने की योजना बना दी। इस बात की बिना चिंता किए कि वहां बच्चें और शिक्षक हैं या नहीं। आज समाज में स्कूलों के लिए अवधारणा बन गई है कि स्कूल खिचड़ी बांटने के सेंटर है, इससे ज्यादा कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था के लिए मैं यही कहूंगा कि स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है, और कॉलेजों से डिग्री बंट रही है, पढ़ाई दोनों में से कहीं नहीं हो रही है। मुझे ऐसा लगता है कि जब बिहार का इतिहास लिखा जाएगा तब नीतीश कुमार की शिक्षा व्यवस्था के कार्यकाल को सबसे बड़ा काला अध्याय माना जाएगा। आज नीतीश कुमार के शासनकाल में बिहार में शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाने के कारण एक पीढ़ी अनपढ़ हो चुकी है।
रविवार, 23 अप्रैल 2023
बिहार : शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाने के कारण एक पीढ़ी अनपढ़ हो चुकी है: प्रशांत किशोर
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