नयी दिल्ली : देशभर के स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा तक की छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड मुहैया कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार को चार हफ्तों के भीतर एक यूनिफार्म पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह काफी महत्वपूर्ण और केंद्र इसमें राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करते हुए एक यूनिफार्म पॉलिसी बनाये। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश इस संबंध में दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए दिया। सुनवाई में केंद्र की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएंं प्रदान करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है क्योंकि सार्वजनिक स्वास्थ्य राज्य का विषय है। इसपर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा तथा जेबी पारदीवाला की बेंच ने आदेश दिया कि यह उचित होगा कि केंद्र सरकार सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करे कि इसपर एक समान राष्ट्रीय नीति तैयार की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सचिव, एमएचएफडब्ल्यू को अपनी मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन रणनीतियों और योजनाओं को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है। इन्हें या तो केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए धन से या अपने स्वयं के धन के माध्यम से निष्पादित किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश एनएचएम के मिशन स्टायरिंग ग्रुप को आवासीय और गैर आवासीय विद्यालयों में लड़कियों के लिए शौचालयों के अनुपात और कम लागत वाली वेंडिंग मशीन या सैनिटरी पैड प्रदान करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में रिपोर्ट करेंगे। यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सेनेटरी पैड के सुरक्षित निपटान के लिए निपटान तंत्र सुचारू रूप से कार्य करे।
सोमवार, 10 अप्रैल 2023
स्कूली छात्राओं को देना होगा फ्री सैनिटरी पैड, SC का निर्देश
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