15 साल में बिहार को बर्बाद करने वाले लोग आज 10 लाख नौकरी कहां से दे देंगे, उन्हें भी नहीं पता
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के चेहराकला प्रखंड में मीडिया संवाद के दौरान तेजस्वी यादव और RJD पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के उप-मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी कि जैसे ही सरकार बनेगी तो 10 लाख नौकरियां दे देंगे। ये नई सरकारी नौकरियां कहां से देंगे, जब जो लोग सरकारी नौकरियां में पहले से हैं उनको ही सरकार वेतन नहीं दे पा रही है। लेकिन बिना सोचे समझें उन्होंने घोषणा कर दी कि पहली ही कैबिनेट में 10 लाख नौकरिया दे देंगे। लेकिन अगस्त में महागठबंधन की सरकारी बनी थी तब से अबतक कोई कैबिनेट की बैठक नहीं हुई क्या? नेता काम नहीं करके गलती करता है। लेकिन हम भी उनसे ये नहीं पूछते की ये काम होगा कैसे? राजद के 15 साल के शासन में बिहार को बर्बाद कर दिया उस समय एक भी नौकरी नहीं दे पाए, तो अब 10 लाख नौकरिया कहां से देंगे? ये सवाल भी कोई नहीं पुछ रहा है।
बिहार में महागठबंधन सरकार बनने के बाद जैसी आशंका थी, अपहरण, लूट, डकैती की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही है
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के चेहराकला प्रखंड में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि लोगों को डर था कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाएगी, पिछले एक-दो महीने से एक बात जो सबसे ज्यादा सुनने को मिल रही है, वह है कानून व्यवस्था की स्थिति का खराब होना। ये बात सिवान में बहुत सुनने को मिली। उसके बाद फिर सारण में भी सुनने को मिल रही थी और अब वैशाली में भी सुनने को मिल रही है। हर दिन लोग मिलते हैं और बताते हैं कि इस साल 15 से ज्यादा मुखियाओं को गोली मार दी है और 6 से ज्यादा सरपंचों की हत्या कर दी गई है। महागठबंधन सरकार बनने के बाद जो डर लोगों के मन में था वो बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। गोलीबाजी, मर्डर,अपहरण, रंगदारी और हत्या और डकैती की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही है।
बिहार में आज शराब और बालू माफियाओं का सबसे बड़ा फलता फूलता कारोबार स्थापित हो चुका है
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के चेहराकला प्रखंड में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में आज शराब और बालू माफियाओं का सबसे बड़ा फलता फूलता कारोबार है। शराब की दुकानें बंद है लेकिन होम डिलीवरी चालू है। अवैध शराब पीने से होनी वाली मौत पर पत्रकारों ने भी बोलना छोड़ दिया है, जब तक कोई बड़ी घटना नहीं होती है। अवैध शराब से जुड़ा हुआ कारोबार और इससे होने वाली लोगों की मृत्यु आज बिहार के लोगों के जीवन की सच्चाई बन गई है पंचायत के स्तर पर लोग बताते हैं कि अवैध शराब से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है लेकिन एक दो लोगों की मौत होती है तो न पत्रकार इसकी खबर छापते है और जिसकी मौत होती है उसके घर वाले भी डर की वजह से जानकारी नहीं देते हैं। जब हमलोग छपरा पहुंचे तब से बालू माफिया का तंत्र दिखने लगा। NH 19 पर पिछले 5 सालों से बालू के ट्रकों का जाम लगा हुआ है और वहां प्रति ट्रक 12 हजार से 15 हजार रुपये की वसूली हो रही है और पूरा सरकारी प्रशासन इसमें लगा हुआ है। इसमें पैसा ऊपर से नीचे तक सबको जाता है, क्योंकि डीएम और एसपी अकेले इतने बड़े तंत्र को नहीं चला सकते हैं। NH 19 से जुड़ी हुई 10 पंचायतों में जाने पर देखा की वहां दमा और टीवी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इतनी समस्या के बावजूद अवैध शराब और बालू माफिया को रोकने वाला कोई नहीं ही है।
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