- जन सुराज अभियान का मकसद है बिहार में अच्छी शिक्षा व्यवस्था, किसानों की खुशहाली और युवाओं को रोजगार, प्रशांत किशोर की मुहिम से जुड़ रहे लाखों लोग
जन सुराज से जुड़ रहे समाज के हर वर्ग के लोग, हमें बिहार में ऐसी व्यवस्था बनानी पड़ेगी जिससे हमारे बच्चों को पढ़ाई के लिए दिल्ली और कोटा नहीं जाना पड़े: अफाक अहमद
जन सुराज मुख्यालय, पटना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए अफाक अहमद ने कहा कि प्रशांत किशोर जी के नेतृत्व में पिछले 209 दिनों से जन सुराज की पदयात्रा चल रही है। अभी पदयात्रा 6 जिलों में हो चुकी है। पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर प्रतिदिन 2 हजार से अधिक लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। जिसमें पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े के जनप्रतिनिधि, समाज के प्रबुद्ध लोग, युवा, महिलाएं, बुजुर्ग सभी शामिल हैं। जन सुराज अभियान के तहत अंबेडकर क्लब, कर्पूरी क्लब और पीके यूथ क्लब का गठन किया जा रहा है। जिसमें बिहार के युवाओं को पढ़ने और खेलने की उचित व्यवस्था के साथ विभिन्न-विभिन्न आयोजनों के माध्यम से युवाओं का सामाजिक उत्थान किया जा रहा है। जो युवा चुनाव लड़ना चाहते हैं, उनको भी इन क्लबों के माध्यम से चुनाव लड़ने की प्रक्रिया समझाई जा रही है। इन क्लबों के माध्यम से बिहार के युवाओं की शक्ति के माध्यम से, उनकी पहचान स्थापित की जा रही है। सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीत कर आए अफाक अहमद ने शिक्षा व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिससे किसी समाज, किसी राज्य और किसी देश को बदला जा सकता है। लेकिन जब तक बिहार में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा तब तक बिहार की बदहाली को नहीं सुधारा जा सकता है। आज के समय में बिहार की जो स्थिति है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि शिक्षा के नाम पर बिहार में एक सुरक्षित माहौल तैयार नहीं किया जा रहा है। बिहार आज देश में शिक्षा के स्तर पर सबसे पिछड़ा हुआ है। आज बिहार के बच्चे अच्छी शिक्षा के लिए कोटा, दिल्ली जैसे शहरों में जा रहे हैं। हमको बिहार में ऐसी शिक्षा व्यवस्था स्थापित करनी होगी जिसमें बिहार की प्रतिभा को बिहार में ही अच्छी शिक्षा मिल सके, जिससे बिहार देश में प्रबुद्ध राज्य के रूप में स्थापित हो सके।
जन सुराज कोई सामाजिक अभियान नहीं, ये लोगों के बीच से सही लोगों को चुनकर नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने का प्रयास है: सच्चिदानंद राय
जन सुराज मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने वर्तमान विधायकों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जन सुराज पदयात्रा से वो प्रयास हो रहा है जिसकी वजह से 2025 के विधानसभा चुनाव में जो आज के निर्वाचित विधायक हैं, उनमें से करीब 80 प्रतिशत विधायक जो काम नहीं करते हैं, वो स्थाई रूप से राजनीति से सन्यास ले लेंगे। ये विधायक चुनाव हारेंगे नहीं, इनके पास साहस नहीं बचेगा कि ये जनता के बीच जाकर वोट मांग सके। जो बचे हुए 20 प्रतिशत विधायक हैं, जो अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन वो भूसे में सुई की तरह है जिनको खोजने के लिए चुंबक की जरूरत पड़ेगी तो अभी जो प्रयास हो रहा है उसमें जो ये अच्छे लोग हैं, ये आगे भी राजनीति करेंगे लेकिन जो अच्छे नहीं उनको सन्यास लेना पड़ेगा। अब बिहार वो राजनीति देखने जा रहा है जिसकी संकल्पना हम लोगों ने की थी। आगे उन्होंने कहा कि बिहार के बाहर धीरे-धीरे बिहारी शब्द गाली बनता जा रहा है, तो बिहार को सुधारने के लिए कोई बाहर से आएगा? नहीं ! बिहार के ही किसी व्यक्ति को खड़ा होना पड़ेगा। लेकिन जो लोग बिहार में रह रहे हैं उनको पता नहीं क्यों लग रहा है कि बिहार में सब कुछ ठीक है, और बिहार को जो लोग बाहर से देखते हैं उनको लगता है कि कुछ भी ठीक नहीं है। इसलिए प्रशांत किशोर ने मुहिम को शुरू किया है, जिसमें बिहार को अपने पैरों पर खड़ा कर सके। इस अभियान में कितनी सफलता मिलेगी? ये समय बताएगा लेकिन इस मुहिम के तहत एक लड़ाई लड़ी, जिसका परिणाम सफलता के रूप में, अफाक अहमद हम लोगों के सामने हैं। बिहार खड़ा होगा, बिहार के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी, युवाओं को रोजगार मिलेगा और बिहार के किसान खुशहाल होंगे और ये होकर रहेगा। यही जन सुराज की परिकल्पना है और जन सुराज इसकी गारंटी देता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें