- जन सुराज पदयात्रा: 193वां दिन, पदयात्रा तो पहला बुलेट है, ऐसा 10 बुलेट दागेंगे तो पता ही नहीं चलेगा ऊपर से क्या गया और नीचे से क्या खिसक गया
अभी तो 1 ही बुलेट दागे हैं और इतनी हलचल है, पदयात्रा तो पहला बुलेट है, ऐसा 10 बुलेट दागेंगे तो पता ही नहीं चलेगा ऊपर से क्या गया और नीचे से क्या खिसक गया
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के हाजीपुर में आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने 10 साल में जिसका भी हाथ थामा है, उसे कभी हारने नहीं दिया। सभा में बैठे सैकड़ों लोगों से कहा कि इस बार बिहार के लोगों का हाथ पकड़ा है, भरोसा रखिए आपको भी हारने नहीं देंगे। बिहार में जब मैं गाड़ी से घूम रहा था तो नेताओं को लगता था कि मैं गाड़ी से घूम रहा हूं इससे क्या होगा? जब मैं पैदल चलना शुरू किया तब लोगों ने कहा कि पदयात्रा करने के बाद क्या होगा? बिहार के उन सभी लोगों को मैं बता देना चाहता हूं कि अभी मैंने *1 ही बुलेट दागे हैं, और इतनी हलचल है, पदयात्रा तो पहला बुलेट है, ऐसा 10 बुलेट दागेंगे तो पता ही नहीं चलेगा ऊपर से क्या गया और नीचे से क्या खिसक गया।* उन सभी को क्या लगता है कि मेरे पास 6 बुलेट हैं तो 6 के 6 मैं एक ही बार दाग दूंगा? मैं उन्हें क्या इतना बेवकूफ़ दिखता हूं। पहले मैं उनको घबराते हुए देखूं तो सही। आज उन नेताओं को पता ही नहीं चला कि चंपारण में क्या हुआ? मैं तो बिहार के अलग-अलग जिलों में पैदल चल रहा हूं। शिक्षक निर्वाचन में मैंने न कोई प्रत्याशी चुना न किसी के लिए वोट मांगे, मैंने बस इतना कहा कि इन दो पार्टियों के अलावा जिस निर्दलीय को वोट करना है कर दीजिए।
जन बल के आगे इंदिरा गांधी जैसे बड़े नेताओं को घुटने टेकने पड़े हैं, 1980 में आंध्र प्रदेश में NTR के पार्टी को रजिस्टर न होने देने के बावजूद उनकी पार्टी जीत कर आई
जन सुराज पदयात्रा के दौरान आम सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि समाज एक बार तय कर ले तो समाज विकल्प अपने आप खोज कर बना लेगी। सभा में बैठे लोगों से कहा कि आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे 1980 में आंध्र प्रदेश में जब NTR ने इंदिरा गांधी को चुनौती दी तो इंदिरा गांधी ने उस समय उनकी पार्टी को रजिस्टर होने नहीं दिया। आंध्र प्रदेश में उस समय सारे सीट पर निर्दलीय को खड़ा किया गया। उस समय आंध्र प्रदेश में हुए चुनाव में NTR के सारे निर्दलीय उम्मीदवार जीत कर आए। इंदिरा गांधी ने उस सरकार को बर्खास्त कर दिया और चुनाव करवाये गए। जब द्वारा चुनाव हुए तो TDP जीत कर आई। मैं इसलिए हमेशा इस बात को दोहराया करता हूं कि जन बल के आगे कोई बल नहीं है। बिहार की जनता अगर ठान ले तो आपके आगे कोई नहीं टिकेगा आप लिख कर रख लीजिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें