- सभी आशा, आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका, जीविका, विकास मित्र आदि के सहयोग से चलाया जाएगा व्यापक जागरूकता अभियान। मध्याह्न भोजन में बच्चों को प्रोटीनयुक्त भोजन की मात्रा बढ़ेगी
- मस्तिष्क ज्वर अथवा चमकी बुखार का समय पर इलाज होने से मरीज निश्चित रूप से ठीक हो जाता है।-डीएम।
मधुबनी, जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने अपने कार्यालय कक्ष में सभी संबधित विभाग के अधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर बढ़ती गर्मी को देखते हुए अभी से ही एईएस/जेई(चमकी बुखार)से निपटने को लेकर बैठक किया। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग सहित सभी संबधित विभाग अभी से ही सभी तैयारियां पूर्ण कर ले। उन्होंने कहा कि पंचायतवार इसकी सघन मॉनिटरिंग की जायेगी।एम्बुलेंस के अतिरिक्त मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के वाहनों को भी टैग किया जाएगा। जिलाधिकारी ने जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना अंतर्गत दिए गए वाहनों एवम उसकी संपर्क नंबर की पंचायतवार सूची उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करे ताकि उसे टैग किया जा सके एवम सुदूर गाँव के मरीजों को ससमय आवश्यक उपचार हेतु अस्पताल पहुचाया जा सके। उन्होंने कहा की आशा, आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका, जीविका ,विकास मित्र आदि के द्वारा घर-घर दस्तक के तहत व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि AES/JE के सभी आवश्यक दवा एवं उपकरण की उपलब्धता सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर हाल में सुनिश्चित करा लें। उन्होंने कहा प्राथमिक एवम मध्य विद्यालयो में मध्याह्न भोजन में प्रोटीनयुक्त भोजन की मात्रा बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में कोई भी स्कूल में मध्याह्न भोजन बंद नही होनी चाहिये,मध्याह्न भोजन बंद पाए जाने पर संबधित स्कूल के प्रधानाध्यापक पर करवाई की जाएगी। उन्होंने सिविलसर्जन को निर्देश दिया कि AES/JE के लिए प्रखंड स्तर पर सुरक्षित बेड की सभी व्यवस्थाओं का जायजा लेकर रिपोर्ट करे। चिकित्सा पदाधिकारी एवं एएनएम की रोस्टर बना लें जो 24*7 क्रियाशील रहेंगे। उन्होंने कहा की सभी संबधित विभाग आपस मे पूरी तरह से समन्वय बनाकर कार्य करेगे। *जिलाधिकारी ने कहा कि मस्तिष्क ज्वर अथवा चमकी बुखार एक गंभीर बीमारी है जिसका अगर समय पर इलाज हो तो मरीज निश्चित रूप से ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि अत्याधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है। 1 से 15 वर्ष के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं। तेज बुखार आना चमकी आना, दांत लगना ,बच्चे का सुस्त होना, आदि इसके लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि सामान्य उपचार एवं सावधानियां से हम चमकी रोग का बचाव कर सकते हैं। अपने बच्चे को धूप से बचाएं, गर्मी के दिनों में बच्चों को ओआरएस का घोल अथवा नींबू चीनी पानी का गोल पिलाएं, रात में बच्चे को भर पेट खाना खिला कर ही सुलाये। उन्होंने कहा कि यह दैविक प्रकोप नहीं है बल्कि अत्याधिक गर्मी एवं नमी के कारण होने वाली बीमारी है। अतः बच्चे के इलाज में अंधविश्वास या ओझा गुनी का सहारा नहीं ले। तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछे एवं पंखा से हवा करें ताकि बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट से कम हो सके। तुरंत अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। डीएम ने कहा कि लोगों में जागरूकता लाकर हम चमकी बुखार के प्रभाव को काफी कम कर सकते हैं इसमें हमारी मुखिया गणों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उक्त बैठक में डीडीसी विशाल राज,सिविल सर्जन मधुबनी,डीपीआरओ परिमल कुमार,जिला पंचायती राज पदधिकारी शैलेन्द्र कुमार,डीपीएम जीविका सहित सभी संबधित अधिकारी उपस्थित थे।।
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