बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान घोषित, 12 चयनित प्रविष्टियों की लॉन्गलिस्ट - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 24 मई 2023

बैंक ऑफ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान घोषित, 12 चयनित प्रविष्टियों की लॉन्गलिस्ट

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मुंबई, 24 मई 2023: बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बैंक), जो भारत के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक है, ने “बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान” 2023 के प्रथम संस्करण हेतु नामित 12 उपन्यासों की लॉन्गलिस्ट की आज घोषणा की। इस अनूठे अवार्ड की शुरुआत (संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल) विभिन्न भारतीय भाषाओं के साहित्यिक लेखन को सम्मानित और संवर्धित करने हेतु की गई है। साथ ही, इसका उद्देश्य हिंदी पाठकों को अनुवाद के जरिए श्रेष्ठ भारतीय साहित्य को उपलब्ध कराना है ताकि पाठकों की रूचि को विस्तार प्राप्‍त हो सके और उपन्यासों को एक बड़े पाठक वर्ग तक पहुंचाया जा सके। “बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान” मूल कृति के लेखक के साथ-साथ उसके हिंदी अनुवादक को भी प्रदान किया जाएगा। विजेता कृति के मूल लेखक तथा उसके हिंदी अनुवादक को क्रमश: रु. 21 लाख तथा रु. 15 लाख की सम्मान राशि दी जाएगी। इसके अलावा अन्य -5- चयनित श्रेष्‍ठ कृतियों के मूल लेखकों और उनके हिंदी अनुवादकों को क्रमशः रु. 3.00 लाख और रु. 2.00 लाख की सम्मान राशि दी जाएगी। लॉन्गलिस्ट की घोषणा करते हुए श्री संजीव चड्ढा, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी, बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने कहा कि “भारत विविधताओं से भरा देश है- जहां संस्कृतियां, धर्म और भाषाएं एक दूसरे की पूरक हैं। इसकी विविधता ही इसकी शक्ति और विशिष्टता है। हमारा मानना है कि सभी भारतीय भाषाओं के साहित्य के संवर्धन से हमारी सांस्कृतिक विविधता और सुदृढ़ होगी। हमने “बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान” की शुरुआत भारतीय भाषाओं के मूल साहित्य और उनके हिंदी अनुवाद को सम्मानित और प्रोत्साहित करने हेतु की है। “बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान” देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभावान भारतीय लेखकों को राष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा तथा भारतीय भाषाओं के साहित्य लेखन और उनके अनुवाद कर्म को बढ़ावा देगा।” सम्‍मान निर्धारण हेतु गठित पांच सदस्यीय निर्णायक मंडल की अध्यक्षता प्रसिद्ध लेखि‍का और बुकर पुरस्कार विजेता सुश्री गीतांजलि श्री कर रही हैं। निर्णायक मंडल के अन्य चार सदस्यों में प्रसिद्ध कवि श्री अरुण कमल, शिक्षाविद् और इतिहासकार श्री पुष्पेश पंत, समकालीन भारतीय कवयित्री और उपन्यासकार सुश्री अनामिका और हिंदी कथा लेखक और अनुवादक श्री प्रभात रंजन शामिल हैं। बैंक ने मार्च-अप्रैल 2023 के दौरान प्रविष्टियां आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू की थी और बैंक को इस सम्‍मान हेतु विभिन्न भारतीय भाषाओं में लिखी गई कई प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जिनमें से निर्णायक मंडल ने 12 पुस्तकों की एक लॉन्‍गलिस्‍ट तैयार की है। 'बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान' के विजेता की घोषणा 10 जून, 2023 को दिल्ली में की जाएगी।


बैंक ऑफ़ बड़ौदा के बारे में:

20 जुलाई, 1908 को महाराजा सर सयाजीराव गायकवाड़ III द्वारा स्थापित, बैंक ऑफ़ बड़ौदा भारत के प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों में से एक है। 63.97% हिस्सेदारी के साथ यह प्रमुख रूप से भारत सरकार के स्वामित्व में है। बैंक पांच महाद्वीपों में 17 देशों में फैले 46,000 से अधिक टचप्वाइंट के माध्यम से 150 मिलियन से अधिक के अपने वैश्विक ग्राहक आधार को सेवाएं प्रदान कर रहा है। अपने अत्याधुनिक डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से यह सभी बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं को निर्बाध एवं बाधारहित उपलब्ध करा रहा है। बैंक का बॉब वर्ल्ड मोबाइल ऐप ग्राहकों को एक ही ऐप के अंतर्गत बचत, निवेश, उधार एवं खरीदारी का अनुभव प्रदान कर रहा है। यह ऐप वीडियो केवाईसी के माध्यम से खाता खोलने की सुविधा उपलब्ध कराकर गैर-ग्राहकों को भी सेवा प्रदान करता है। बैंक का दृष्टिकोण अपने विविध ग्राहक आधार के अनुरूप है तथा यह विश्वास एवं सुरक्षा की भावना पैदा करता है। बैंक उस दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है और बॉब वर्ल्ड डिजिटल परिवर्तन की दिशा में इसके रोडमैप का एक प्रमाण है।

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