जिंदगी में कुछ करना है मुझे,
अपनी राह मैं खुद बनाऊंगी,
माने कोई या ना माने,
मैं खुद गुरु बन जाउंगी,
किसी सहारे की जरुरत नहीं है मुझे,
खुद ही सहारा बन जाउंगी,
मैं कैसे पहचान पाउंगी?
अपनी मंजिल को साकार कैसे बना पाउंगी?
मैं कैसे सपने से प्यार कर पाउंगी?
कैसे भाई बहन को मंजिल तक पहुंचा पाऊंगी?
हर बाधा को को पार कर जाऊंगी,
अपनी राह मैं खुद बनाऊंगी।।
लक्ष्मी गढ़िया
पोथिंग, कपकोट
बागेश्वर,उत्तराखंड
चरखा फीचर
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