खेलो इंडिया गेम्स : महर्षि दयानंद विवि के सतीश के नाम रहा हैवीवेट मुकाबले का गोल्ड - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 29 मई 2023

खेलो इंडिया गेम्स : महर्षि दयानंद विवि के सतीश के नाम रहा हैवीवेट मुकाबले का गोल्ड

  • ग्रीको रोमन के 130 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में आईटीएमयू के दीपांशु को दी शिकस्त
  • आरजू, रजनी, कुसुम ने महिलाओं के अलग-अलग भार वर्ग में पाई स्वर्णिम कामयाबी
  • खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में कुश्ती के मुकाबले संपन्न एक जून से होगी योगासन की प्रतियोगिता

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वाराणसी (सुरेश गांधी ) महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के 130 किलोग्राम  हैवीवेट पहलवान सतीश कुमार ने यहां खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। खिताबी मुकाबले में उन्होंने आईटीएमयू के पहलवान दीपांशु को अंकों के आधार पर पराजित किया। दीपांशु को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। जबकि इस भार वर्ग का कांस्य पदक सिंघानिया विवि के शुभम के नाम रहा। खेलो इंडिया की पहल पर आइर्आईटी बीएचयू के रमेश श्रीनिवासन स्मृति इनडोर हाल में सोमवार को प्रतियोगिता के तीसरे और अंतिम दिन महिलाओं के 68 किलोग्राम भार वर्ग में सीडीएलयू की आरजू ने स्वर्ण पदक जीता। सीयू की भूमि को रजत और चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ की नेहा को कांस्य पदक हासिल हुआ। इसी प्रकार महिलाओं के 57 किलोग्राम भार वर्ग में गुरु नानक देव विवि की रजनी को स्वर्णिम कामयाबी हाथ लगी। उन्होंने सीबीएलयू की कल्पना को परास्त कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस भार वर्ग में कांस्य पदक पंजाबी विवि की रुपिंदर कौर के नाम रहा। वहीं 65 किलोग्राम भार वर्ग में बीपीएसएमवी की कुसुम ने गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने फाइनल में आरटीएमएनयू की खुशी रानी को हराया। खुशी को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। नुरुनानक देव विवि की मुस्कान देवी का कांस्य पदक हासिल हुआ। उधर, 76 किलोग्राम भार वर्ग में जीएनडीयू की प्रिया ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया जबकि सीकेयू की बिपाशा कोे रजत पदक से संतोष करना पड़ा। वहीं सनेहा सिधु को कांस्य पदक मिला। दूसरी ओर ग्रीकोरोमन के 55 किलोग्राम भार वर्ग में डीबीयू के संजीव ने स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने गुरुनानक देव विवि के विशाल को अंकों के आधार पर परास्त कर यह सफलता अर्जित की। एसकारटीएमयू के धनेश्वर के पाटिल को कांस्य पदक प्राप्त हुआ। वहीं ग्रीको रोमन के 87 किलोग्राम भार वर्ग का गोल्ड मेडल सिंघानिया विवि के विजय के नाम रहा। उन्होंने फाइनल मुकाबले में पीएएचएसयू के शुभम को पटकनी दे यह सफलता हासिल की। केयूके के अजय को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। उधर पुरुषों के फ्री स्टाइल के 61 किलोग्राम भार वर्ग में महर्षि दयानंद विवि के उदित को स्वर्ण बीटीयू के सुधीर जाट को रजत व डीएवी के लोकपाल गोहर को कांस्य पदक प्राप्त हुआ।  फ्री स्टाइल के ही 86 किलोग्राम भार वर्ग में जीकेयू के संजीव कुमार ने स्वर्ण एचपीपीयू के प्रतीक सूर्यकांत जगताप ने रजत और चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ के पवन वैश्य ने कांस्य पदक पर अपना नाम लिखाया। वहीं फ्री स्टाइल के 125 किलोग्राम भार वर्ग का स्वर्ण पदक सिंघानिया विवि के अक्षय सतपाल के नाम रहा। फाइनल मुकाबले में उन्होंने चौधरी चरण सिंह विवि के प्रशांत को पटकनी दे गोल्ड मेडल अपने नाम किया। प्रशांत को रजत पदक हासिल हुआ। सोमवार की शाम खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तहत आयोजित कुश्ती के सभी मुकाबले संपन्न हो गए। एक जून से यहां योगासन की प्रतियोगिता होगी। जिसमें देश भर के 102 योगासन एथलीट हिस्सा लेंगे।


पहलवानो ने कहा, बगैर मेहनत नही मिलती सफलता 

वाराणसी। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के कुश्ती मुकाबले में पदक जीतकर अपने विश्वविद्यालय का नाम रोशन करने वाले पहलवानों का कहना है कि इस कामयाबी को हासिल करने के लिए उन्होंने काफी पसीना बहाया है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर सुर्खियां बटोर चुके पहलवानों ने भी माना कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में उन्हें कड़ी चुनौती मिली। कई दिग्गजों को तो पदक से हाथ भी धोना पड़ा  कुछेक स्वर्ण की होड़ से बाहर होकर थोडे़ निराश भी दिखे। बहरहाल, तमाम पदक विजेताओं ने न केवल इस आयोजन को सराहा बल्कि यहां से यादगार लमहे साथ लेकर जाने की भी बात कही। प्रस्तुत है पदक विजेता पहलवानों से बातचीत के प्रमुख अंश


कडे़ अभ्यास का फायदा मिला : शिवाया

ग्रीको रोमन के 97 किलोग्राम भार वर्ग के स्वर्ण पदक विजेता आरसीयू के शिवाया महादेवा पुजारी ने कहा कि टूर्नामेंट में आने से पहले काफी अभ्यास किया था।  जिसका मुझे यहां  फायदा मिला और मैं गोल्ड मेडल जीत सका। फाइनल में मुकाबला एकतरफा रहा लेकिन यह खेल है। किसी को कम नहीं आंकना चाहिए। कभी किसी खिलाड़ी का अच्छा दिन नहीं होता तो वह खराब खिलाड़ी नहीं कहा जाएगा। शिवाया ने बताया कि वह आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और खेलो इंडिया अंडर 23 रेसलिंग चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल हासिल कर चुके हैं। इससे पहले वह कैडेट  वर्ग में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।


फाइनल मैच में थोड़ा तनाव में था : तरुण

ग्रीको रोमन के 63 किलो भार वर्ग में स्वर्ण पदक विजेता आरटीएएमएनयू के तरुण वत्स ने कहा कि फाइनल मुकाबले को लेकर थोड़ा तनाव था। जिस पहलवान से मुकाबला होना था उसने आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में मुझे हराया था। लेकिन मैं अपनी कमियों को दूर करते हुए इस मुकाबले में उतरा और जीत हासिल हुई। जूनियर एशिया चैंपियनशिप में राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रहा। कहा कि उनकी नजर अब विश्व स्तर की प्रतियोगिताओं पर है। यहां से लौटते ही वह अपने मिशन में जुट जाएंगे।


मेरे लिए हर मुकाबला चुनौतीपूर्ण रहा : नितिका

महिला वर्ग में 62 किलोग्राम भार वर्ग की स्वर्ण विजेता दिल्ली विश्वविद्यालय की नितिका ने कहा कि किसी भी मुकाबले को हल्के में नहीं लिया जा सकता और इसी सोच के साथ खेलने उतरी और फाइनल में अपना शत-प्रतिशत दिया और गोल्ड मेडल जीत सकी। मेरे लिए हर मुकाबला चुनौतीपूर्ण रहा। बताया कि उन्होंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में गोल्ड जीता है। सीनियर एशिया में सिल्वर हासिल किया था। आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी में भी गोल्ड जीत चुकी हैं।


फाइनल में अनुभव और अभ्यास काम आया : मंजू              

72 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक विजेता विजेता गुरुनानक देव विवि की मंजू ने कहा कि फाइनल मुकाबले में अनुभव और अभ्यास काम आया। पहले राउंड में अटैकिंग गेम खेला और लगातार अंक हासिल करती रही। दूसरे राउंड में डिफेंस किया ताकि अंक न दूं। इस रणनीति पर चलने का फायदा हुआ।


सिंगल और डबल लेग अटैक ने दिलाया पदक: स्वीटी

53 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक विजेता गुरुनानक देव विवि की स्वीटी ने कहा कि फाइनल की तैयारी तो खूब की थी लेकिन मुझे लगातार वाक ओवर ही मिलते रहे। सिंगल और डबल लेग अटैक मेरी खूबी है। इसके इस्तेमाल से पहलवान को चित करने के मुकाबला जीतना आसान हो जाता है।  मैंने जूनियर एशिया में सिल्वर मेडल जीता है।


स्वर्ण न जीत पाने का मलाल रहेगा : स्वाति

 ओलंपियन पहलवान  योगेश्वर दत्त को अपना आइडल मानने वाली शिवाजी यूनिवर्सिटी की स्वाति संजय शिंदे ने सिल्वर मेडल जीता। वह अपने खेल से थोड़ी निराश दिखी। उन्हें गोल्ड मेडल न जीत पाने का मलाल है। लेकिन स्वाति ने कहा, अपनी गलतियों को सुधारने और आगे के खेलों में और अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी। मालूम हो कि स्वाति ने  इससे पहले ऑल इंडिया चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। सीनियर और जूनियर एशियन चैंपियनशिप में प्रतिभाग किया है। साथ ही जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया है।


स्वर्ण का ख्वाब अधूरा ही रहा : नवीन

65 किलोग्राम में रजत पदक जीतने  वाले गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी के नवीन कुमार अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नजर आए। हालांकि स्वर्ण पदक से चूकने का उन्हें मलाल है। ओलंपियन पहलवान योगेश्वर दत्त को अपना रोल माडल मानने वाले नवीन ने कहा कि वे और मेहनत करेंगे और देश के लिए पदक लाएंगे। नवीन अपने मामा नरेश को कुश्ती करते देखते हुए बड़े हुए तो उन्हें भी इस खेल से लगाव हो गया। नवीन कहते हैं कि मेरे गांव में ये खेल काफी प्रचलित है। वहां हर घर में कोई न कोई इस खेल से जुड़ा हुआ है। 

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