- भाजपा का राम जी से भरोसा उठ गया है, इसलिए अब बागेश्वर बाबा का फोटो लगा रही है पार्टी
कर्नाटक की जीत से कांग्रेस को ज्यादा उत्साहित नहीं होना चाहिए, 2013 में भी कर्नाटक जितने के बाद लोकसभा हार गई थी कांग्रेस
समस्तीपुर में पत्रकारों से संवाद के दौरान कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की जीत पर प्रशांत किशोर ने कहा कि देश का हर चुनाव अलग होता है, 2012 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी जीती थी और 2014 के लोकसभा में भाजपा 80 में से 73 सीटें जीती। अब यही स्थिति कर्नाटक को लेकर हो रही है इस बार उलटी बात हुई है। इस बार कांग्रेस जीती है तो अब ज्यादातर पत्रकार और चुनावी विश्लेषक यही कह रहे हैं कि ये 2024 लोकसभा का संकेत है। लेकिन हर चुनाव अलग होता है। जो कर्नाटक में जीते हैं उनको बधाई लेकिन इस परिणाम को आप विस्तारित मत कीजिए क्योंकि 2013 में कांग्रेस ने कर्नाटक का चुनाव जीता था लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी सीट जीत ली थी। 2018 में मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी थी लेकिन जब चार महीने बाद लोकसभा के चुनाव हुए तो वहां भाजपा ने बाजी मार ली। किसी राज्य का चुनाव परिणाम ये दिखाता है कि हारने वाली पार्टी ने क्या गलती की है। कर्नाटक में कांग्रेस जीत गई तो लोकसभा में जीतेगी या उत्तर प्रदेश में भाजपा जीत गई तो लोकसभा में भी जीत जाएगी ये गलत है। कांग्रेस के कार्यकर्ता ज्यादा उत्साहित न हो, कर्नाटक की जीत आपके लिए अच्छी बात है लेकिन ये जीत आगे के चुनावों के जीत की गारंटी नहीं है।
प्रशांत किशोर ने स्वास्थ्य कारणों से स्थगित की जन सुराज पदयात्रा, 11 जून से फिर इसी स्वरूप में शुरू होगी यात्रा
प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा करीब 25 दिनों के लिए स्थगित की गई है। पदयात्रा 11 जून से अपने पुराने स्वरूप में ही शुरू होगी। प्रशांत किशोर ने समस्तीपुर के मोरवा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उनके बाएं पैर की मांसपेशी फटने के कारण चलने में कठिनाई हो रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि लगातार खराब सड़कों पर प्रतिदिन 20-25 किमी चलने के कारण ये परेशानी हुई है, उनका सुझाव है कि 15-20 दिन पैरों को आराम दिया जाए, इसलिए यात्रा को स्थगित करना पड़ रहा है। यात्रा फिर से इसी स्वरूप में 11 जून को मोरवा के इसी मैदान से शुरू होगी और जैसे चल रही थी, वैसे चलती रहेगी।
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