- सत्ता में रहते भाजपा ने नियोजित शिक्षकों को क्यों नही दिया सरकारी कर्मी का दर्जा?
- सुशील कुमार मोदी केवल बयानबाजी न करें, प्रत्येक साल 2 करोड़ रोजगार का जवाब दें!
पटना. भाकपा-माले के पालीगंज विधायक और शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक संदीप सौरभ ने भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी पर पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा को पहले यह जवाब देना होगा कि विगत 17 सालों तक बिहार की सत्ता में बने रहने के बावजूद उसने नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा क्यों नहीं दिलवाया? कहा कि ये यही सुशील मोदी हैं, जिन्होंने बयान दिया था कि भगवान भी आ जाएं तो नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा नहीं मिल सकता. सुशील मोदी पहले अपने उस बयान के लिए माफी मांगे. आगे कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने प्रत्येक साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था. भाजपा के नेता बताएं कि कितने युवाओं को आज तक उसने रोजगार दिया? भाजपा शासित प्रदेशों में ठेका-मानदेय पर बहालियां क्यों हो रही हैं? रेलवे का निजीकरण क्यों किया गया? सेना में अग्निपथ योजना क्यों लाई गई? सुशील मोदी युवाओं के साथ किए गए विश्वासघात पर माफी मांगेगे? महागठबंधन सरकार ने नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी बनाने का निर्णय किया. यह स्वागतयोग्य कदम है, जरूर इसमें विसंगतियां हैं. हम उस विसंगतियों के खिलाफ शिक्षक समुदाय व अभ्यर्थियों के साथ हैं. हमारी कोशिश है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से वार्ता के जरिए इस गतिरोध को खत्म करवाया जाए. हमें उम्मीद है कि कोई न कोई सकारात्मक हल जरूर निकलेगा. भाजपा के लोग मुगालते में नहीं रहें.बिहार के छात्र-युवा आगामी लोकसभा चुनाव में उसे पूरा सबक सिखायेंगे.
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