बिहार : संविधान के दायरे में सबको देश में कहीं भी आने जाने का अधिकार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 9 मई 2023

बिहार : संविधान के दायरे में सबको देश में कहीं भी आने जाने का अधिकार

Prashant-kishore-on-bageshwar-baba
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के महनार में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में हज़ारों लोगों की भूख की वजह से मौत हो रही है, बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा नहीं है, बिहार के युवा 10-15 हजार के लिए दूसरे राज्य में जाकर अपना जीवन खपा रहे हैं, लेकिन लोग ये चर्चा कर रहे हैं कि कौन से बाबा बिहार आ रहे हैं। किसी भी बाबा को आना है तो आने दीजिए जिसको जाकर उनको सुनना होगा वो जाकर सुनेगा, जिसको नहीं सुनना है, वो नहीं सुनेगा। ये सरकार के लिए विवाद का विषय नहीं होना चाहिए कि कौन आ रहा है और कौन नहीं आ रहा है। कोई बाबा, समाजसेवी या कोई सामान्य आदमी जब तक कि वो कानून के हिसाब से अपना काम कर रहा है तो लोकतंत्र में उन्हें स्वतंत्रता है कि वो कहीं भी अपनी बात रख सकते हैं और कहीं भी जा सकते हैं। ये सरकार के लिए मुख्य मुद्दा नहीं है।

कोई टिप्पणी नहीं: