- लोकसभा लड़ने का फैसला पूरी तरह से लोगों पर निर्भर, लोग कहेंगे किसी की मदद करनी है तो जन सुराज मदद करेगा
लोकसभा लड़ने का फैसला पूरी तरह से लोगों पर निर्भर, लोग कहेंगे किसी की मदद करनी है तो जन सुराज मदद करेगा
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के महनार में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर प्रशांत किशोर नेताओं और दलों को सलाह देकर जीता सकते हैं तो भरोसा रखिए बिहार की जनता को भी जीता सकता हूं। इस पूरे अभियान में यह कहा जा रहा है कि जनता के बीच से ऐसे लोगों को ढूंढ़कर निकालेंगे और उनके साथ अपनी पूरी शक्ति, बुद्धि और संसाधन लगाएंगे और उनको जीता कर लाएंगे। जब कोई ईमानदार व्यक्ति जीतकर आएगा तभी स्थिति में सुधार आएगा। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पूरी तरह से जनता पर निर्भर करेगा। अगर लोगों को लगेगा की विकल्प की जरूरत है तो उसकी मदद हम करेंगे जैसे पिछले 5 जिलों में जब हम पदयात्रा कर रहे थे तो वहां एमएलसी का चुनाव था और लोगों ने तय किया कि ये अफाक अहमद अच्छे आदमी हैं, इनकी मदद करनी चाहिए। जन सुराज ने शिक्षक निर्वाचन के चुनाव में अफाक की मदद की और वो चुनाव जीत गए। आने वाले 2024 में हो रहे लोकसभा के चुनाव में लोग अगर तय करेंगे की चुनाव लड़ना चाहिए तो उसकी मदद हम करेंगे।
नीतीश कुमार के शासन में बिहार में दो नए उद्योग शुरू हो गए हैं - शराब माफिया और बालू माफिया, शराब की होम डिलीवरी हो रही है
जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के महनार प्रखंड में मीडिया से संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि बिहार में आज दो नए उद्योग शुरू हो गए हैं। शराब माफिया और बालू माफिया आज से 5-7 वर्ष पहले इतने बड़े पैमाने पर नहीं थे, जितने कि आज हो गए हैं। बिहार में आज ये दोनों उद्योग बढ़िया से फलफूल रहें हैं। बिहार में आज लाखों करोड़ों रुपए की शराब और बालू की लूट हो रही है और इसमें नीचे से ऊपर तक लोग मिले हुए हैं। शराबबंदी के नाम पर शराब की दुकान बंद है लेकिन शराब की घर-घर होम डिलीवरी हो रही है यही स्थिति बालू की है जो जितना ताकतवर है, वो वहां से बालू उठा रहा है, आज कोई इसको रोकने वाला नहीं है। बालू माफिया ऐसे है जैसे जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली बात हो गई है और करोड़ों रुपए की लूट हो रही है सरकार भी इसको रोक नहीं रही है। सरकार का इसमें हस्तक्षेप नहीं करना इस बात को दर्शाता है कि सरकार भी ऐसी घटना में खुल कर शामिल है।
बिहार में 60 प्रतिशत लोगों के पास जमीन ही नहीं है, सिर्फ पेट भरने के लिए खेती कर रहे हैं किसान
जन सुराज पदयात्रा के दौरान महनार में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने बिहार में किसानों की बदहाली पर कहा कि बिहार में पिछले 75 सालों में भूमि सुधार को लेकर कोई प्रयास नहीं किया गया है जिसकी वजह से आज देश में बिहार ऐसा राज्य है, जहां भूमिहीन लोग अधिक मात्रा में रहते हैं। बिहार में 60 प्रतिशत लोगों के पास 1 इंच जमीन नहीं है लेकिन उससे बड़ी समस्या यह है कि 40 प्रतिशत लोग जिनके पास जमीन है उनमें से 35 प्रतिशत लोगों के पास 2 बीघे से भी कम जमीन है। बिहार में छोटे किसान हैं, जिस वजह से बिहार में आज कमाने वाली नहीं खाने वाली खेती हो रही है। खेती से पैसा कमाने का कोई विकल्प नहीं है। यहां लोग गेंहू, धान और मकई इसलिए उगा रहे हैं ताकि अपना और अपने बच्चों का पेट भर सकें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें