विजय सिंह , लाइव आर्यावर्त ,9 मई। यूनाइटेड समाचार सेवा एजेंसी (यूएनआई) के दिवालियापन और जल्दी बंद होने की सूचना मिल रही है. बताया जा रहा है कि विगत कई महीनों से यूएनआई के पत्रकारों व अन्य कर्मचारियों को वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है. चर्चा इस बात की भी है कि सरकार ने दिल्ली के रफी मार्ग स्थित यूएनआई मुख्यालय को प्रदत्त लीज अवधि समाप्त कर दी है और भवन खाली करने का आदेश दिया है. आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय में राष्ट्रीय मीडिया सलाहकार के पद पर कार्यरत अमर देवुलापल्ली व आई जे यू के पूर्व अध्यक्ष एस एन सिन्हा ने यूएनआई की बदहाली पर दुःख जाहिर किया है। इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन ( आई जे यू ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि यू एन आई कर्मचारी संघ के नेता एम एस यादव ने उन्हें विगत 72 महीनों से वेतन भुगतान नहीं होने की जानकारी दी है ,जो काफी दुखद है। विगत दिनों चंडीगढ़ में पत्रकार यूनियन महासंघ की बैठक में यूएनआई की बदहाली और कर्मचारियों के अनिश्चित भविष्य पर यूएनआई कर्मचारी यूनियन के नेता मोहनलाल जोशी ने विस्तृत जानकारी दी थी। स्थायी कर्मचारियों का आरोप है कि संविदा पर रखे गए नए कर्मियों को समय पर वेतन दिया जाता है जबकि स्थायी कर्मचारियों को न तो समय पर वेतन दिया जाता है और न ही पूरा भुगतान किया जाता है.उन्होंने दावा किया कि पिछले 72 महीनों से कर्मचारियों का वेतन रुका हुआ है। अक्टूबर 2020 में प्रसार भारती द्वारा अंशदान वापस लिया जाना भी यूएनआई के लिए खतरे की घंटी थी। जानकारी के मुताबिक कर्मचारी यूनियन द्वारा दिवालिया मामले के लिए मांग नोटिस में 2020-2021 के लिए एक स्वतंत्र ऑडिट रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि यूएनआई के 100 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में से 97 करोड़ रुपये कर्मचारियों को देय वेतन व अन्य मद में बकाया राशि है। हालाँकि नोटिस के प्रत्युत्तर में यूएनआई ने ऐसे किसी भी बकाया या कर्ज होने की बात से इंकार किया है। आईजेयू के राष्ट्रीय महासचिव बलविंदर सिंह जम्मू ने यूएनआई के दिवालियापन की खबर को दुखद और आश्चर्यजनक कहा है। मिली जानकारी के अनुसार यू एन आई के सभी बोर्ड सदस्यों ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है और शीघ्र ही एक रिसीवर नियुक्त करने की सूचना है। इस संदर्भ में यूएनआई प्रबंधन की तरफ से राजेश कुमार पूरी ने ' लाइव आर्यावर्त ' को बताया कि यह सब अफवाह है और कुछ स्वार्थी तत्व यू एन आई को कमजोर करना चाहते हैं परन्तु हमारे पास समर्पित दक्ष कर्मचारियों की पूरी टीम है जो हर परिस्थिति से निपटने में सक्षम है। वैसे यूएनआई कर्मचारी यूनियन ,इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन के शीर्ष नेतृत्व के बयानों और प्रबंधन के अस्पष्ट संचार के दृष्टिगत यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूएनआई में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
मंगलवार, 9 मई 2023
यूएनआई दिवालियापन की ओर,महीनों से वेतन बकाया
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें