"हमारे इतिहास की पहचान है सैंगोल"
जिला अध्यक्ष श्री रवि मालवीय ने कहा कि नए संसद भवन में सैंगोल की स्थापना की जाएगी जो न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन व्यवस्था का प्रतीक है, हमारे इतिहास की पहचान है। यह हमारी लोकतांत्रिक आजादी का प्रतीक है, स्वर्णिम इतिहास का अंग है और मजबूत तथा समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के संकल्प का प्रतीक है। लेकिन हमारे धर्म, अध्यात्म और संस्कृति पर आक्रमण करना कांग्रेस नेतृत्व की आदत रही है। कांग्रेस इसके लिए कुछ भी झूठ बोल सकती है। कांग्रेस इस सैंगोल को फर्जी बता रही है। यही नहीं बल्कि कांग्रेस के नेता जयराम रमेश तो उस मठ को भी फर्जी बता रहे हैं जिसने नेहरु जी को यह सैंगोल सौंपा था।
"धर्म, संस्कृति का अपमान कांग्रेस की आदत"
श्री मालवीय ने कहा कि देश की जनता जानती है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का नाम सम्राट विक्रमादित्य और देवी अहिल्याबाई जैसी उन विभूतियों की श्रृंखला में आता है जिन्होंने भारत की संस्कृति, धर्म और अध्यात्म को पुष्ट करने का काम किया। देश की जनता यह जानना चाहती है कि कांग्रेस को देश की परंपरा, संस्कृति और मान-सम्मान से इतनी नफरत क्यों है। जनता देख रही है कि किस प्रकार कांग्रेस राष्ट्रहित की बजाए निजी हित और स्वार्थ की राजनीति कर रही है। एक परिवारवादी पार्टी देश की संस्कृति पर जिस तरह आक्रमण कर रही है, मैं उसकी कड़ी आलोचना करता हूं। देश की संस्कृति पर इस आघात के लिए कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। इसके साथ ही देश और प्रदेश की जनता यह जानना चाहती है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी सैंगोल के बारे में क्या विचार रखते हैं।
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