बिहार : गरिमा लोहिया ने देशभर में दूसरी रैंक हासिल की - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 24 मई 2023

बिहार : गरिमा लोहिया ने देशभर में दूसरी रैंक हासिल की

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बक्सर. दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा इशिता किशोर ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में शीर्ष स्थान हासिल किया है. वहीं  बिहार के बक्‍सर की रहने वाली गरिमा लोहिया ने देशभर में दूसरी रैंक हासिल की है.तीसरा  रैंक हासिल करने वाली तेलंगाना की एक इंजीनियरिंग स्नातक उमा हराथी एन हैं. यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा के फाइनल रिजल्ट में कुल 933 उम्मीदवार नियुक्ति के लिए चयनित किए गए हैं. इनमें से 345 कैंडिडेट्स अनारक्षित, 99 ईडब्ल्यूएस, ओबीसी से  263, एससी से 154 और एसटी कैटेगरी से 72 उम्मीदवार शामिल किए हैं. बता दें कि यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में रैंक 4 लाने वाली स्मृति मिश्रा प्रयागराज की रहने वाली है.तेजपुर के रहने वाले मयूर हजारिका ने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में 5वीं रैंक हासिल की है. मयूर ने पुरुष वर्ग में टॉप किया है.कोट्टायम जिले के पाला के रहने वाले गहना नव्या जेम्स ने परीक्षा में उत्कृष्ट छठी रैंक हासिल की. पाला के सेंट थॉमस कॉलेज की छात्रा गहना ने राजनीति विज्ञान में एमए किया है. आपको बता दें कि सिविल सेवा परीक्षा में इस बार भी बिहार की बादशाहत कायम रही है. बक्सर जिला निवासी गरिमा लोहिया ने पूरे देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. गरिमा ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया. गरिमा लोहिया ने बक्सर के वूड स्टॉक स्कूल से पढ़ाई की है. बक्सर के वुडस्टॉक स्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद वह पढ़ने के लिए बनारस और फिर दिल्ली चली गईं.दिल्ली के करोड़ीमल कॉलेज से स्नातक किया.उनके पिता नारायण प्रसाद लोहिया का निधन 2015 में हो चुका है. पिता के जाने के बाद उनकी हिम्मत टूट चुकी थी. लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और काफी मेहनत कर यह सफलता पाई. गरिमा ने बताया कि उन्होंने दिल्ली विश्विद्यालय में कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया.इसी दौरान यूपीएससी की तैयारी शुरू की और उन्हें सफलता मिली.उनके परिवार में मां, भाई और एक बड़ी बहन है. उन्होंने बताया, 'मैंने सेल्फ स्टडी पर ही ज्यादा जोर दिया. सामान्य ज्ञान के लिए सोशल साइट्स की मदद ली. इस परीक्षा में तैयारी बहुत मुश्किल होती है.इसका मतलब यह नहीं होता कि हम निराश हो जाएं.आपको जो चीज खुशी देती हो, वह करें, परिवार के साथ रहें और मनोबल बढ़ाते रहें. मैं अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देना चाहती हूं.' बता दें कि गरिमा लोहिया के अलावा पटना निवासी राहुल श्रीवास्तव ने 10वां स्थान प्राप्त किया है. राहुल कहते हैं- “बिहार की मिट्टी में मेहनत और जज्बा है. मेहनत करने का जज्बा ही बिहारियों को बाकी से अलग करता है. ऐसा नहीं कि बहुत बड़े स्कूल या किसी बहुत बड़े संस्थान से ही आपका आधार तय होता है. अगर आपका लक्ष्य स्पष्ट हो तो अंत में आप उसे हासिल कर ही लेते हैं.लक्ष्य के प्रति समर्पण सबसे ज्यादा जरूरी है और इसके लिए शुरू से मेहनत करनी होती है.” गरिमा कहती हैं कि “मुझे गर्व है कि बक्सर जैसे शहर में रहकर मैंने ये सपना देखा. और आज मेरा ये सपना पूरा हुआ. 2020 से मैंने घर पर रहकर UPSC की तैयारी शुरू की थी. घर पर ही बुक्स और ऑनलाइन रिसोर्स से पढ़ाई की. कभी घर पर पढ़ाई करने में कोई दिक्कत होती थी तो इंटरनेट के जमाने में सब कुछ ऑनलाइन मिल जाता था. मेरा जब मन किया तब मैंने 8-10 घंटे पढ़ाई की लेकिन जब मन नहीं होता तो 2-3 घंटे ही पढ़ाई की है.

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