- 'डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल खास तौर पर निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों के लिए वैश्विक डिजिटल विभाजन को पाटने में मदद करेगी'
वैश्विक डिजिटल विभाजन को पाटने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा, 'डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल से दुनिया के लिए और विशेष रूप से निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) के लिए डिजिटल टूल्स के अनुकूल एवं लोकतांत्रिक बनाने के लिए डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं के प्रचार-प्रसार पर आम सहमति बनाने में मदद करेगी।' उन्होंने दोहराते हुए कहा, 'डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल का उद्देश्य संस्थागत ढांचे के रूप में कार्य करना और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सटीक एवं उपयुक्त डिजिटल समाधान उपलब्ध कराना है।' डॉ. मांडविया ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी में नवाचार एवं निवेश के उदाहरण के तौर पर नि-क्षय प्लेटफॉर्म का भी हवाला दिया। साथ ही उन्होंने रोगियों की एंड-टु-एंड देखभाल, प्रोवाइडर वर्कफ्लो और देखभाल संबंधी कार्यों के डिजिटलीकरण के साथ इस प्लेटफॉर्म के जरिये खुद के गणितीय मॉडल का लाभ उठाते हुए टीबी उन्मूलन संबंधी भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। 'सभी के लिए स्वास्थ्य' के एजेंडे को प्राथमिकता देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की सराहना करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा, 'यह भारत की अध्यक्षता में जी20 की थीम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के साथ-साथ अंत्योदय यानी समाज के अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्ति तक पहुंचने की धारणा को भी दर्शाता है।' दुनिया पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में बात करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी ने वास्तव में हमारी स्वास्थ्य सेवा व्यवस्थाओं पर असर डाला है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें उस रफ्तार को बरकरार रखना होगा और 'सभी के लिए स्वास्थ्य' के सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम करना होगा। इस प्रकार हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
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