मधुबनी : बाढ़ के पूर्व, दौरान एवम बाद के उपायों को अपनाकर क्षति को कम कर सकते है। : डीएम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 7 जून 2023

मधुबनी : बाढ़ के पूर्व, दौरान एवम बाद के उपायों को अपनाकर क्षति को कम कर सकते है। : डीएम

  • संभावित बाढ़-सुखाड़ को लेकर डीएम के निर्देश पर जिले के सभी प्रखंडों में वरीय अधिकारियों ने प्रखंड स्तरीय   अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ किया बैठक।
  • बैठक के बाद पदाधिकारियो ने तटबंधों, बाढ़ शरण स्थलों आदि का लिया जायजा। बाढ़ सुरक्षा सप्ताह के अवसर पर डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने  कहा जानकारी ही बचाव है।

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मधुबनी, संभावित बाढ़-सुखाड़ को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में एक साथ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। डीएम अरविन्द कुमार वर्मा के निर्देश पर प्रखंडों के वरीय अधिकारियों ने अपने संबधित प्रखंड में पहुँचकर प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियो एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर अब तक प्रखंड स्तर पर संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ को लेकर की गई तैयारियों का समीक्षा  किया वही उपस्थित जनप्रतिनिधियों से कई महत्वपूर्ण सुझाव के साथ साथ फीडबैक भी लिया। * बैठक में  अब तक विभिन्न विभागों द्वारा संभावित बाढ़-सुखाड़ को लेकर की गई तैयारी,यथा जीआर सूची का अपडेशन, पॉलीथिन शीट की उपलब्धता एवं उसका भौतिक सत्यापन,  पंडौल स्थित वेयर हाउस का भौतिक सत्यापन, प्रखंड स्तरीय संचार योजना का निर्माण,प्रखंडस्तरीय बाढ़-सुखाड़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना, नाव की मरम्मति,नाविकों के साथ एकरारनामा,नाविकों का बकाया भुगतान की स्थिति, बाढ़ राहत स्थल, सामुदायिक रसोई का भौतिक सत्यापन एवं अक्षांश-देशांतर के साथ सूची की उपलब्धता,  तटबंधों का निरीक्षण, तटबंधों की निगरानी,क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मती, भेंट की सफाई, सुलिस गेट की स्थिति, पेयजल की उपलब्धता,बाढ़ -सुखाड़ को लेकर आकस्मिक फसल योजना,डीजल अनुदान की व्यवस्था,कृषि फीडर से किसानों को निर्बाध विधुत आपूर्ति की व्यवस्था,नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुचाने की व्यवस्था, क्षतिग्रस्त सड़को की मरम्मति, बाढ़ की स्थिति में वैकल्पिक सड़क की व्यवस्था,आदि की समीक्षा होगी। प्रखंडों में निर्मित एवं बन रहे स्थायी बाढ़ स्थल की अधतन स्थिति एवं उसका भौतिक सत्यापन आदि विषयों पर व्यापक समीक्षा की गई। गौरतलब हो कि जिले में वर्तमान में बाढ़ सुरक्षा सप्ताह मनाई जा रही है।हमारे मधुबनी जिला बिहार के अधिकतम बाढ़ प्रभावित राज्यों में से एक है l जिले 21 प्रखंडो में से 18 प्रखंड बाढ़ प्रणव है l जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के नेतृत्व में बाढ़ से बचाव के लिए जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर अनेक उपाय किये जा रहे है l इसी क्रम में जिला प्रशासन, मधुबनी द्वारा जागरूकता एवं बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए बाढ़ सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है l इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ से पूर्व, बाढ़ के दौरान एवं बाढ़ के बाद उपायों को अपनाकर बाढ़ से बचने एवं उससे होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है l आम जानता की सुरक्षा के लिए   निम्न प्रकार है।


बाढ़ से पहले........ क़्या करें-----------

• ऊँचे आश्रय स्थल का चयन

• दवाई, रूपये, ज़ेवर एवं जरुरी कागजात, सूखे भोजन आदि तैयार रखना

• नाव, ट्यूब, लाइफ जैकेट, रस्सीयाँ, तारपोलोन शीट आदि की तैयारी नालियों की सफाई करना

• सुरक्षित रास्तो का चयन तथा बचाव की योजना बनाना

• चेतावनी एवं सूचना पर ध्यान देना व समुदाय में बताना

 

बाढ़ के दौरान......... क़्या करें

• चेतावनी एवं सूचना पर ध्यान देना

तुरंत ऊँचे, सुरक्षित स्थानों पर सपरिवार चले जाना

• पानी उबालकर, ठंडा कर एवं छानकर पीना

 

क़्या न करें.........

• बाढ़ के पानी में न उतरे

• बिजली के खम्भे के निकट न खड़े रहे

• खुले में शौच न करें

 

बाढ़ के बाद.......... क़्या करें----------

• मरे हुए जानवरो को गड्ढे में दफनाना शुद्ध पेयजल हेतु हेलोजेन की गोलियों का प्रयोग

• गंदगी व कुड़ो पर ब्लीचिंग पाउडर के घोल का छिड़काव

 

क़्या न करें ----------

• बिना सफाई किये हैंडपंप व कुओ का पानी न पिएं

• बिना सफाई किये गंदे घरों में न रहें राहत व बचत के साधनों को सहेजकर उचित स्थान पुर नहीं रखना

 

आपदाओ में हर पशुओं का महत्व आपदा से पहले

• सुनिश्चित करें कि सभी पशुओं का पहचान चिन्ह हो, जैसे कान पर टैग, ब्रांडिंग, रंगीन टैटू, दस्तावेजी साक्ष्य तैयारी कोई हो

• अपने और अपने पशुओं के लिए एक आपातकालीन कीट तैयार करें

 

आपदा के दौरान..........

 • पशु छोड़ते समय पट्टा, रस्सी, मोहरा एवं गर्दन की रस्सी को उनपर नहीं छोरे क्योंकि इनके द्वारा पशुओं को एक सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में रूकावट आ सकती है l

• पशुओं को एक साथ नहीं बांधे, इसे उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाना और संभालना कठिन होगा l

• पशुओं को उनकी जरूरत है के आधार पर चुने l पशुओं को अन्य जोखिमो में डालने से बचें और गंभीर रूप से प्रभावित पशुओ को झुण्ड से अलग करें l अपने पशुओ को पर्याप्त चारा, पानी, पशु चिकित्सीय देखभाल औऱ आवास प्रदान करें l

 

आपदा के बाद..........

मृत पशुओं का उचित रूप से निवारण करें ताकि संदूषण की रोकथाम हो सके l


पशु आवासो, नादो का विसंक्रमन औऱ सफाई करें l

अपने मौजूदा और नए लाए गए पशुओं की स्वास्थ्य जांच के लिए टीकाकरण और पेट के कीड़ों के लिए पशु चिकित्सक से सलाह लें l

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