लड़के को तो मिल जाती है उच्च शिक्षा,
लड़की को क्यों नहीं मिलती वही शिक्षा?
क्या सिर्फ इसलिए कि वो लड़की है?
वो कुछ नहीं कर सकती है?
इसी सोच ने समाज को तोड़ा है,
लड़की को शिक्षा पाने से रोका है,
क्यों बोल दिया जाता है?
जाना तो तुम्हें पराए घर है,
अरे ! उनकी भी तो एक दुनिया है,
कुछ करने की, अपनी मंजिल पाने की,
अपने सपनों को साकार करने की,
मत भूलो जब एक लड़की पढ़ती है,
समाज में शिक्षा की लौ जलती है,
मत रोको लड़की को पढ़ने से,
शिक्षा का हक़ उसको पाने से।।
तानिया
चोरसौ, उत्तराखंड
चरखा फीचर
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