मधुबनी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से लीगल एड अधिवक्ताओ, पारा लीगल वालंटियर एवं संस्थान के छात्र-छात्राओं के लिए मिथिला पेंटिंग पर हुआ सेमिनार। मधुबनी में आत्मबोध द्वारा मिथिला चित्रकला संस्थान, मधुबनी के सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मधुबनी के सहायता से लीगल एड अधिवक्ताओ, पारा लीगल वालंटियर एवं संस्थान के छात्र छात्राओं के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार मधुबनी पेंटिंग चित्रकारों से जुड़े बौद्धिक संपदा कानून रहा। सेमिनार का शुभारंभ ऋषभ रंजन अधिवक्ता एवं रिसर्च एसोसिएट आत्मबोध ने किया और बताया की यदि रचनाकार कोई रचना करता है और इस रचना का किसी अन्य व्यक्ति द्वारा गैरकानूनी तरीके से अपने लाभ के लिए प्रयोग किया जाता है, तो यह रचनाकार के अधिकारों का स्पष्ट हनन है। सेमिनार के संयोजक एवं आत्मबोध के सचिव डॉ. मौर्य विजय चंद्रा ने बताया कि मधुबनी में दशकों से अच्छी खासी कला उद्योग अस्तित्व में है, किंतु कलाकारों को इससे संबंधित कानूनों की जानकारी नहीं है। स्वभाविक है कि वह अपने अधिकारों को दावा नहीं कर पाते हैं। इस दिशा में वकीलों एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका अहम हो जाती है, जिससे कि कलाकारों के आय में भी वृद्धि होगी एवं जिले की अर्थव्यवस्था पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। अधिवक्ताओं की इसमें सहभागिता होने से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले नीतिगत बहस में स्थानीय परिपेक्ष को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा सकेगा। सेमिनार के सह संयोजक एवम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव घनश्याम सिंह ने यह बताया कि कॉपीराइट कानून एवं भौगोलिक संकेतक कानून किस हद तक चित्रकारों को लाभ पहुंचा सकता है, साथ ही उन्होंने इस विषय की संक्षिप्त जानकारी भी उपस्थित श्रोतागणों को दी। वहीं धन्यवाद ज्ञापन मिथिला चित्रकला संस्थान के आचार्य प्रतीक प्रभाकर ने किया। इस मौके पर पदमश्री बउआ देवी, पदमश्री दुलारी देवी, प्रतीक प्रभाकर लगभग 100 पारा लीगल वालंटियर एवं संस्थान के 60 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
शनिवार, 17 जून 2023
मधुबनी : मिथिला पेंटिंग पर हुआ सेमिनार
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