चित्तौड़गढ़ 17 जून। साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान ’संभावना’ ने अपने संरक्षक और सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना के नाम पर दिए जाने वाले वार्षिक सम्मान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। संभावना संस्थान के अध्यक्ष डॉ के सी शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मान में स्वतंत्रता आंदोलन, प्राच्य विद्या, गांधी अध्ययन, दलित चिंतन या भारतीय मध्यकालीन साहित्य से सम्बंधित किसी एक कृति को चुना जाएगा। सम्मान के लिए तीन निर्णायकों की एक समिति बनाई गई है जो प्राप्त प्रस्तावों पर विचार कर किसी एक कृति का चुनाव करेगी। आयोजन चित्तौड़गढ़ में संभावना द्वारा किया जाएगा। सम्मान में ग्यारह हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट किये जाते हैं। डॉ शर्मा ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन निवासी रामचन्द्र नन्दवाना ने स्वतंत्रता आंदोलन तथा इसके बाद गांधीवादी आन्दोलनों में आजीवन सहयोग दिया। वे गांधी जी की संस्थाओं हरिजन सेवक संघ और चरखा संघ से जुड़े रहे तथा चित्तौड़गढ़ के गाड़ी लौहार सेवा समिति से भी उनका जुड़ाव रहा। वियोगी हरि, ठक्कर बापा और माणिक्यलाल वर्मा के निकट सहयोगी रहे रामचन्द्र नन्दवाना का यह जन्म शताब्दी वर्ष है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 के इस सम्मान के लिए विख्यात आलोचक प्रो माधव हाड़ा की मीरां के जीवन पर लिखी गई कृति 'पचरंग चोला पहर सखी री' को चुना गया था। वर्ष 2020 का सम्मान विख्यात लेखक सुधीर विद्यार्थी को उनकी कृति 'क्रांतिकारी आन्दोलन : एक पुनर्पाठ', वर्ष 2021 के लिए बजरंग बिहारी तिवारी को उनकी कृति 'केरल में दलित आंदोलन' और वर्ष 2022 के लिए सोपान जोशी को उनकी कृति 'जल थल मल' के लिए चुना गया था। डॉ शर्मा ने बताया कि संभावना के सहयोगी डॉ कनक जैन को ’स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान’ का संयोजक बनाया गया है, वे इस सम्मान से सम्बंधित समस्त कार्यवाही का संयोजन करेंगे। सम्मान के लिए प्रविष्टियाँ डॉ जैन को 30 जुलाई 2023 तक भिजवाई जा सकेगी।
शनिवार, 17 जून 2023
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बिहार : स्वतन्त्रता सेनानी रामचन्द्र नन्दवाना स्मृति सम्मान 2023 के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित
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