बिहार : कांग्रेस का धरना में सम्मिलित होने का निर्णय - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 11 जून 2023

बिहार : कांग्रेस का धरना में सम्मिलित होने का निर्णय

  • 15 जून को महागठबंधन के धरना में कांग्रेस होगी शामिल

Congress-join-protest
पटना. बिहार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने महागठबंधन द्वारा 15 जून को आयोजित की जाने वाली धरना में पूरी ताकत से प्रदेश के सभी जगहों पर भाग लेने का निर्णय लिया है. इसके लिए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा0 अखिलेश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में पार्टी मुख्यालय, सदाकत आश्रम में एक बैठक आयोजित की गयी जिसमें धरना में सम्मिलित होने का निर्णय लिया गया.इसकी जानकारी स्वयं बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने दी.गौरतलब है कि अगले 15 जून को महागठबंधन की ओर से दिल्ली में संघर्षरत महिला पहलवानों के समर्थन में प्रदेश भर में धरना आयोजित करने का प्रस्ताव था जिस पर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने आज एक बैठक बुलाई थी जिसमें सम्मिलित होने का निर्णय लिया गया. बैठक में भाग लेने वाले नेताओं में मुख्य रूप से राजेश राठौड़, पूर्व विधायक बंटी चौधरी, निर्मल वर्मा, राज कुमार राजन, लाल बाबू लाल, कपिलदेव प्रसाद यादव, मिन्नत रहमानी, असित नाथ तिवारी, चन्द्र प्रकाश सिंह, संजीव कुमार कर्मवीर सहित अन्य नेता शामिल रहे.


डब्ल्यूपीओ का मुख्यालय बिहार से हटाना मोदी सरकार का बिहार विरोधी फैसला

केंद्र की भाजपा सरकार लगातार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.ये बातें बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कही. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जीएसटी में बिहार की हिस्सेदारी हो चाहे केंद्रीय कोटे से मिलने वाली बिजली बिहार की लगातार उपेक्षा हो रही है. केंद्रीय योजनाओं में भी बिहार को पूरी हिस्सेदारी नहीं मिल रही है. बिहार का इतना बड़ा नुकसान करने वाली मोदी सरकार एक बार फिर बिहारियों का रोजगार छीन रही है. भारतीय रेल के अलग-अलग कारखानों के निर्माण और आधुनिकीकरण में बड़ी भूमिका निभाने वाले कारखाना परियोजना संगठन (डब्ल्यूपीओ) का मुख्यालय बिहार से हटा कर बिहारियों का रोजगार छीनने वाली मोदी सरकार को बिहार के लोग कभी माफ नहीं करेंगे. मोदी सरकार के इस फैसले से राज्य को सालाना 50 करोड़ रुपए से अधिक का जीएसटी नुकसान होगा. इससे जीएसटी में राज्य की हिस्सेदारी घटेगी और राजस्व का बड़ा नुकसान होगा. भाजपा ने बिहार को अपना दुश्मन राज्य मान लिया है और बदले की भावना से केंद्र सरकार फैसले ले रही है.ये बिहार के हक़ की लड़ाई है.बिहार कांग्रेस इस मसले पर चुप नहीं बैठने वाली.

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