चिकली पूना और फलवा गांव
चिकली पूना की बबीता धारा तबियाड का दावा है कि उनका रागी फसल उत्पादन ३० किलो से बढ़कर 2 क्विंटल हो गया है
पहल के हिस्से के रूप में, इन गांवों में महिलाओं को जो समूह में सक्रिय है उस महिला किसानों की पहचान की गई और उन्हें प्रशिक्षण और ऊँची गुणवत्ता वाली सामग्री प्रदान की गई। इन महिला किसानों ने आगे दस अन्य महिलाओं के साथ जानकारी साझा की, जिसमें जानकारी का प्रसार हुआ।
प्रशिक्षण
फसल चक्र , मिश्रित खेती , समेकित खेती ,फसल के लिए भूमि की तैयारी, बीज उपचार, बुवाई तकनीक, और पानी लगाने सहित, खेती की कई वैज्ञानिक विधियों पर प्रशिक्षण और प्रदर्शन आयोजित किए गए। उन्हें वर्मीकम्पोस्ट, जीवामृत, जैविक खाद ,जैविक दवा सामग्रियों की भी जानकारी दी गई। इसके अलावा, इन सक्षम समूह की महिलाओं को मोटा अनाज कुरी ,बटी ,कांग और सब्जियों की उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध कराए गए।
परिणाम
रागी की एक उन्नत किस्म के , ‘बिज अपनाने से,उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
उपज में इसी तरह की वृद्धि उन लोगों द्वारा भी दर्ज की गई, जिन्होंने वागधारा द्वारा दी गई ल उन्नत किस्म के देशी बीज अपनाया था। वे इसका श्रेय बेहतर बीजों के संयोजन, इंटरक्रॉपिंग और गड्ढे में बुवाई को देते हैं। पानी के उचित इस्तेमाल के लिए महत्वपूर्ण सिंचाई जीवामृत , वर्मीकम्पोस्ट और निमास्त्र जैसी जैविक सामग्री को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है।
कविता आयड को अरहर के उत्पादन 50 किग्रा से 150 किग्रा तक की वृद्धि दर्ज की
कृषि उत्पादन में वृद्धि और साथ ही कुछ सामग्रियों पर खर्च में कमी के कारण, इन महिला किसानों के पास अब ज्यादा पैसा होता है, जिसे वे जरूरत के अनुसार खर्च कर सकती हैं। कृषि से होने वाली इस आय को अन्य उत्पादक संपत्तियों में निवेश किया जाता है या बैंक खातों में जमा किया जाता है, जिससे एक अच्छा चक्र बनता है। क्योंकि महिला किसान अन्य महिलाओं के साथ अपनी जानकारी साझा करती हैं, इससे जानकारी का विस्तार होता है।
प्रभाव
– महिला किसानों का खुद की क्षमताओं पर भरोसा बढ़ा है, क्योंकि उन्होंने अपने घरों और खेतों की दहलीज से बाहर निकलने का साहस किया।
– उनकी भरपूर फसलों ने उनके आसपास की अन्य महिला किसानों का ध्यान आकर्षित किया और वे उनके पास सलाह के लिए आई।
– ये महिला किसान न सिर्फ ज्ञान साझा करती हैं, बल्कि इन महिलाओं के साथ उन्नत बीज और जैविक सामग्रियों जैसी दूसरी जरूरतें भी साझा करती हैं, जिससे एक अच्छा चक्र बनता है।
महिला किसानों की अब बड़ी आकांक्षाएं हैं और वे जलवायु परिवर्तन की बढ़ती अनिश्चितता के खिलाफ भविष्य के लिए बेहतर योजना बनाना चाहती हैं। वे अन्य कौशल आधारित आजीविकाओं में भी विविधता लाना चाहते हैं और अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के साधन के रूप में विस्तार करना चाहते हैं।
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