- शहर दक्षिणी में 9 वर्षो में अब तक 4000 करोड़ का हुआ विकास व निर्माण, वाराणसी में 40 फीसदी जीएसटी में बढ़ोतरी हुआ है, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अपराधमुक्त एवं माफिया मुक्त हुआ यूपी
दक्षिण विधानसभा पूर्वांचल का व्यवसायिक केंद्र भी है, यहां पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी ,पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना मंडी ,सराफा मंडी ,गल्ला मंडी के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध बनारसी साड़ियों का भी प्रमुख केंद्र इसी विधानसभा में है। प्रधानमंत्री ने इन सभी विषयों को दृष्टिगत रखते हुए विकास की योजनाओं पर काम प्रारंभ किया और 2014 के बाद यह कार्य शुरू हुए जो आज मूर्त रूप में माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से पूर्ण होते दिख रहे हैं ,दक्षिण विधानसभा का छोटा काम या बड़ा काम कोई भी काम स्थानीय महत्व के साथ-साथ वैश्विक महत्व का भी होता है क्योंकि यहां देशी पर्यटकों व श्रद्धालु दर्शनार्थियों के साथ-साथ विश्व समुदाय के भी पर्यटक भारतीय संस्कृति के प्रति जिज्ञासा रखने वाले लोगों का आवागमन प्रमुखता से होता है उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के चुनाव लड़ने के पूर्व एवं 2017 में उत्तर प्रदेश की सरकार बनने के पहले काशी की मूल समस्या बिजली पानी सीवर की होती थी और इसी को लेकर के विभिन्न राजनीतिक दल आंदोलन किया करते थे और इन सभी समस्याओं की जड़ कहीं न कहीं दक्षिणी विधानसभा से शुरू होती थी, लेकिन प्रधानमंत्री के आने के बाद आज इस विधानसभा हेतु गौरव का विषय है की बिजली की समस्या दूर हो चुकी है ,पानी की समस्या अब समस्या नहीं रही ,सीवर की समस्या को जड़ से खत्म करने को लेकर षाही नाले की सफाई का कार्य किया जा चूका है, बहुत पुरानी मांग थी कोनिया घाट के पुल की, कज्जाकपुरा के ओवर ब्रिज की, पार्किंग की जिसे पिछली सरकारों ने नकार दिया था लेकिन माननीय प्रधानमंत्री जी के इन्ही 9 वर्षों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज कोनिया घाट का पुल का कार्य पूर्ण हो चुका है, कज्जाकपुरा का ओवर ब्रिज बन रहा है, काशी में अंडर ग्राउंड पार्किंग का भी कार्य जिसमें टाउन हॉल एवं बेनियाबाग अंडर ग्राउंड पार्किंग बना है तथा तांगा स्टैंड पार्किंग भी बन जा चुका है और उसका लाभ अब लोगों को प्राप्त हो रहा है। वाराणसी में कुंडों का अपना एक अलग महत्व है जिसका अध्यात्म से बहुत जुड़ाव है, प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में वाराणसी के दुर्गाकुण्ड, पितृ कुण्ड, मातृ कुण्ड, पिशाच मोचन, ईश्वरगंगी कुण्ड, लाट भैरव कुण्ड, मंदाकिनी कुंण्ड, मछोदरी कुण्ड का सुंदरीकरण इन्ही 9 वर्षों में हुआ है। शहर के मध्य में महर्षि व्यास से जुड़ा हुआ कर्ण घंटा कुंड जो लुप्त सा हो रहा था आज सुंदरीकरण के बाद अत्यंत सुंदर स्वरूप में लोगों के लिए उपलब्ध हैं।
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