- मोदी सरकार का व्यवहार अंग्रेजों जैसा, महिला पहलवानों को न्याय के लिए करना पड़ रहा संघर्ष, लक्ष्मीबाई के संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा लेती रहेंगी देश की बेटियां
ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने लक्ष्मीबाई सहित 1857 की क्रांति की अन्य नायिकाओं अजीजन बाई, मोहसिना, झलकारी बाई आदि के संघर्षों व शहादत को याद करते हुए कहा कि आज एक बार फिर उसी प्रकार की लड़ाई की जरूरत है क्योंकि मोदी सरकार महिलाओं के प्रति अंग्रेजों की ही तरह व्यवहार कर रही है. आगे कहा कि यह कैसी विडंबना है कि आजादी के 75 वर्षों में दुनिया में देश का नाम रौशन करने वाली महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़कों को मोदी सरकार बचाने में लगी हुई है. एक नाबालिग पहलवान को यौन उत्पीड़न का मामला वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है. पाॅक्सो ऐक्ट के बावजूद भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह लगातार खुलेआम रैलियां कर रहा है. हमें एक बार फिर इस स्थिति को बदलने का संकल्प लेना होगा और अपने अधिकारों के लिए लड़ाई को तेज करना होगा. देश की बेटियां लक्ष्मीबाई के संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा लेती रहेंगी. ऐपवा की राष्ट्रीय सचिव शशि यादव ने कहा कि मोदी शासन में आम महिलाएं रसोई गैस, महंगाई, आवास, दवा, पेंशन की समस्याओं से जूझ रही है. मानदेय-स्कीम वर्कर को न तो सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जा रहा है और न ही उचित मानदेय. दहेज प्रताड़ना, आॅनर किलिंग, बलात्कार, अश्लील वीडियो बनाकर लड़कियों का ब्लैकमेल, बालविवाह आदि प्रवृतियां बढ़ती ही जा रही हैं. भाजपा पूरी तरह से महिला विरोधी पार्टी है. जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आई है महिलाओं पर हमले में नई तेजी आई है. प्रो. भारती एस कुमार ने कहा कि आजाद देश की भावनाओं के विपरीत आज महिलाओं के जीवन की समस्यायें बढ़ती ही जा रही हैं. मोदी सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लाई गई है. उच्च शिक्षा का निजीकरण का यह दस्तावेज है. बेटियों को पढ़ाना गरीबों के लिए लगातार मुश्किल होता जा रहा है. एक तरह से गरीब-दलित वंचित समुदाय के बच्चे-बच्चियों को शिक्षा से बेदखल ही कर दिया गया है. अन्य वक्ताओं ने कहा कि आज महिलाओं के बीच धार्मिक व सांप्रदायिक नफरत, विभाजन, हिन्दू-मुस्लिम का जहर आदि फैलाने की साजिशें लगातार जारी हैं. लेकिन रोजगार व अधिकार के प्रति हमारी सरकारें बेपरवाह हैं. इस स्थिति को बदलने का संकल्प आज हम सबको मिलकर लेना है. कन्वेंशन का संचालन ऐपवा की राज्य सचिव अनीता सिंह ने किया.
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