जीवन में योग सभी रोग और विकारों को दूर करता है और इसे अपनाकर व्यक्ति संपूर्ण स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकता है। योग का अभ्यास कर 48वी वाहिनी एसएसबी मुख्यालय में भी सभी हताशा और निराशा को दूर भगा कर एक स्वस्थ नागरिक बन सकते हैं, जिससे अपराध की प्रवृत्ति समाप्त होगी। योग शिवर में उपस्थित कर्मियों को संबोधित करते हुए योग प्रशिक्षक सेवा निवृत्त शिक्षक सुरेंद्र मिश्र ने कहा कि योग से शारीरिक, मानसिक, बौधिक, आत्मिक एवम सामाजिक जीवन जीने की कला उत्पन्न होती है। इस योग शिविर में ताड़ासन, वज्रासन, उष्टासन, पवन मुक्तासन, भ्रामरी गुंजन, शितकारी, भुजंगासन आदि क्रियाओं का अभ्यास आयुष मंत्रालय के प्रोटोकॉल के अनुसार कराया। यह शिविर प्रात: 630 बजे से 7:30 बजे तक चला। वही शिक्षक शंकर मेहता ने बताया कि नियमित योग करने से शरीर चुस्त एवं दुरुस्त रहता है। तथा शरीर में किसी प्रकार कि बीमारियां नहीं होती हैं। योग से शरीर के अंदर एक नई प्रकार कि उर्जा कि जागृत होता है साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ये मस्तिष्क एवं शरीर कि एकता को संगठित करता हैं। जो हमे विजय पथ कि ओर ले जाता है। इस योग प्रशिक्षण शिविर में 48वीं वाहिनी एसएसबी "डी" समवाय दुल्लीपट्टी के कंपनी कमांडर निरीक्षक सोम लाल,सेवा निवृत्त शिक्षक सुरेंद्र मिश्र, शंकर मेहता, अमित कुमार मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन, दर्जनों ग्रामीण समेत कई अन्य एसएसबी के पदाधिकारी एवं ग्रामीण बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
जयनगर/मधुबनी, जिले के भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 48वी वाहिनी एसएसबी मुख्यालय जयनगर के अंतर्गत "डी" समवाय दुल्लीपट्टी परिसर में दुल्लीपट्टी के कंपनी कमांडर निरीक्षक सोम लाल के नेतृत्व में एक दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का प्रारंभ किया गया है। यह कार्यक्रम इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाईजेशन एवं आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वधान में चलाया जा रहा है। कार्यक्रम कि अध्यक्षता करते हुए 48वी वाहिनी एसएसबी के "डी" कंपनी के कंपनी कमांडर निरीक्षक सोम लाल ने समस्त 48वी वाहिनी एसएसबी कर्मियों को योग दिवस की बधाई दी। साथ ही उन्होंने योग शिविर आयोजित करने हेतु 48वीं वाहिनी एसएसबी मुख्यालय जयनगर परिवार की तरफ से आभार प्रकट किया एवं अभिनंदन किया। योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए 48वी वाहिनी एसएसबी के निरीक्षक सोम लाल ने बताया कि योग की शुरुआत भारत से ही हुयी है।
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