पटना 28 जून, राष्ट्रीय सामाजिक न्याय मोर्चा ने बिहार सरकार द्वारा राज्य कैबिनेट से पारित किए गए अध्यादेश में शिक्षक नियुक्ति नियमावली में बदलाव किए जाने पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए इसे बिहार के युवाओं के साथ हाकमारी करार दिया है । सामाजिक न्याय मोर्चा का मानना है कि बिहार में रिक्त शिक्षक के पद पर दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को मौका देने से बिहार के जो युवा को इस पद के लिए योग्य होंगे उसके साथ पुरजोर हाक मारी होगी जो बिहारी अस्मिता के खिलाफ है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का यह निर्णय कहीं से भी नीति संगत प्रतीत नहीं होता है। उक्त बातें राष्ट्रीय सामाजिक न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र चौहान प्रधान महासचिव नरेश महतो एवं मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता नीलमणि पटेल ने संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा। मोर्चा नेताओं ने कहा कि बिहार में जहां एक और शैक्षणिक बेरोजगारों की संख्या काफी बढ़ गई है ऐसे में यदि नए नियमावली के अंतर्गत परीक्षा होती है तो इसमें देशभर के उम्मीदवार भाग लेंगे जिससे बिहार के उम्मीदवारों की हकमारी होगी और जितनी संख्या में बिहार के उम्मीदवारों की बहाली होनी चाहिए वह इससे वंचित रह जाएंगे यह सीधे तौर पर बिहार के युवाओं के साथ हकमारी है और बिहारी अस्मिता के विरुद्ध है। इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा । मोर्चा इस संदर्भ में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से मांग करता है कि वह जल्द ही इस नए नियमावली को संशोधन कर केवल बिहार के ही उम्मीदवारों को इस परीक्षा में बैठने का अवसर प्रदान करें अन्यथा सामाजिक न्याय मोर्चा इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन का रूख अख्तियार करेगा
बुधवार, 28 जून 2023
बिहार : शिक्षक नियुक्ति नई नियमावली में बदलाव से बिहार की युवाओं की होगी हकमारी : मोर्चा
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