- करखियांव औद्योगिक क्षेत्र में पूर्वांचल का पहला पैक हाउस बनकर तैयार
- मिर्जापुर में शीघ्र ही पैक हाउस बनना शुरू हो जाएगा : सूर्य प्रताप शाही
इस मौके पर शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि गत वर्ष 550 मेट्रिक टन वाराणसी से विदेशों को भेजा गया था। इस बार अब तक 300 मेट्रिक टन भेजा जा चुका है। इस सीजन में गत वर्ष की अपेक्षा अधिक निर्यात होंगे। उन्होंने बताया कि स्पाइका हाउस से 10 हजार किसानों को लाभ पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि गोल्फ देशों के अलावा यूरोप के देशों का अमेरिका तक कृषि उत्पाद पहुंचे, यह लक्ष्य रखा गया है, जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश निर्यात के मामले में पांचवें स्थान पर है। मिर्जापुर में शीघ्र ही पैक हाउस बनना शुरू हो जाएगा। कृषि मंत्री ने अन्नदाताओ किसानों से प्राकृतिक खेती पर विशेष जोर दिया और कहा कि वे प्राकृतिक खेती क्लस्टर अपने खेतों पर बनाएं। उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने भी किसानों को संबोधित किया। अपर मुख्य सचिव कृषि एवं कृषि शिक्षा डॉ देवेश चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने निदेशक, मंडी अंजनी कुमार सिंह को प्रमाण पत्र तथा प्रगतिशील किसान सुमन देवी-वाराणसी, रामकुमार राय-गाजीपुर, शाश्वत पांडेय - भदोही, अजय कुमार सिंह-चंदौली, हौसिला प्रसाद- वाराणसी, शार्दुल विक्रम चौधरी-वाराणसी, अमित सिंह-वाराणसी, श्रीधर पांडेय-सिद्धार्थ नगर, पंकज कुमार राय- गाजीपुर, राजेश हीरालाल गुप्ता- मुम्बई, आनंद कुमार, नरेंद्र तुलसीदास भाटिया, ज़नाब हुसैन शेख, ज़नाब मोहम्मद हनीफ, जुल्फिकार-केरला, मदीन सिद्दीकी-अमरोहा, मनोज कुमार व भगवानदीन-मुम्बई आदि को अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही, उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, स्टाम्प एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, सांसद बीपी सरोज, विधायक डॉ अवधेश सिंह, कमिश्नर कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम सहित एपीडा के सी.वी. सिंह आदि अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
पूर्वांचल का पहला पैक हाउस
बता दें, करखियांव औद्योगिक क्षेत्र में प्रदेश का तीसरा और पूर्वांचल का पहला पैक हाउस बनकर तैयार है। पूरी क्षमता के साथ कार्य करना शुरू कर दिया है। पहली बार पैक हाउस से जीआई टैग मिलने के बाद फलों का राजा बनारसी लंगड़ा आम दुबई भेजा गया। इसके साथ हरी मिर्च व अन्य सब्जियों को भी भेजा गया है। पैक हाउस में बनारसी लंगड़ा आम को वेपर हीट और हीट वाटर ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गुजारा जाएगा। मानक के तहत एक साइज के आम को मशीन से अलग कर उसका पैकेजिंग किया गया है। जबकि हरी मिर्च की छंटाई, ग्रेडिंग समेत अन्य प्रक्रियाओं से गुजार कर पैकिंग की गयी हैं। प्रत्येक पैकेट में 3.5 किलो हरी मिर्च रखा गया है। पैक हाउस से फल-सब्जियों को अंतरराष्ट्रीय मानक का पालन करते हुए अलग-अलग देशों की मांग के अनुरूप पैक कर भेजने की प्रक्रिया की जाती है। एक दर्जन से अधिक एफपीओ एपीडा से जुड़कर अपने उत्पादों को दुबई समेत अन्य देशों में भेज रहे हैं। जल्द और एफपीओं जुड़ेंगे और पैक हाउस की सुविधा का लाभ लेंगे। इस व्यवस्था से किसानों की आमदनी बढ़ेगी व बिचौलियों का हस्तक्षेप समाप्त हो जायेगा। पैक हाउस किसानों के उत्पाद को विदेशों में भेजने के अलावा ट्रेनिंग भी देगा, ताकि किसान अंतरराष्ट्रीय मानक के तहत अपने उत्पादों को तैयार कर सकें। कुल 4461 वर्ग फीट में निर्मित इस पैक हाउस पर कुल 15.78 करोड़ खर्च हुआ है। वर्तमान में पांच सौ से अधिक किसान एफपीओ के जरिए पैक हाउस से जुड़े हैं। अभी तक वाराणसी से शारजाह जाने वाले विमान से प्रतिदिन सब्जियां जैसे हरी मिर्च, भिंडी, मुजफ्फरपुर की लीची, बिहार का जरदालू आम समेत अन्य फल, सब्जियां भेजी जा रही हैं। अब इन सभी को पैक हाउस से भेजी जायेगी। पहली बार आम व मिर्च भेजी गयी हैं।
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