1-खादी और ग्रामोद्योगी प्रोडक्ट्स के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि-
वित्त वर्ष 2013-14 में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का उत्पादन जहां 26,109 करोड़ रुपये था वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में यह 268 प्रतिशत के उछाल के साथ 95957 करोड़ रुपये पहुंच गया। उत्पादन का यह आंकड़ा इस बात का सशक्त प्रमाण है कि ग्रामीण क्षेत्र में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने ऐतिहासिक कार्य किया है।
2-खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की बिक्री में बड़ा उछाल-
पिछले 9 वित्त वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों ने बिक्री के मामले में हर वर्ष नये रिकॉर्ड बनाये हैं। वित्त वर्ष 2013-14 में बिक्री जहां 31154 करोड़ रुपये थी वहीं 332 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि के साथ यह वित्त वर्ष 2022-23 में 1,34,630 करोड़ रुपये पहुंच गई, जोकि अब तक की सर्वाधिक बिक्री रही है।
3-खादी कपड़ों (Khadi Fabric) के उत्पादन का नया कीर्तिमान-
पिछले 9 वर्षों में खादी कपड़ों के उत्पादन में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी कपड़ों का उत्पादन 811 करोड़ रुपये था वहीं 260 प्रतिशत के उछाल के साथ यह वित्त वर्ष 2022-23 में 2916 करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंच गया, जोकि अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
4-खादी कपड़ों (Khadi Fabric) की बिक्री ने भी रचा नया इतिहास-
पिछले 9 वित्त वर्षों में खादी के कपड़ों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री सिर्फ 1081 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में 450 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह 5943 करोड़ रुपये पहुंच गई। कोविड-19 के बाद पूरी दुनिया में ऑर्गेनिक कपड़ों की मांग बढ़ी है। इसके कारण खादी के कपड़ों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। साथ ही माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा हर मंच से खादी को प्रमोट करने का भी व्यापक असर खादी के कपड़ों की बिक्री पर पड़ा है।
5-नये रोजगार सृजन और संचयी रोजगार (Cumulative Employment) सृजन का नया कीर्तिमान-
खादी और ग्रामोद्योग आयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध करना है। इस क्षेत्र में भी केवीआईसी ने पिछले 9 वर्षों में रिकॉर्ड कायम किया है। वित्त वर्ष 2013 -14 में जहां संचयी रोजगार (Cumulative Employment) 13,038,444 था, वहीं यह 2022-23 में 36 प्रतिशत वृद्धि के साथ 17,716,288 तक पहुंच गया। इसी तरह से वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 5,62,521 नए रोजगार का सृजन हुआ था, वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में यह 70 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9,54,899 पहुंच गया।
6-खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में रिकॉर्ड वृद्धि-
खादी कपड़ों के उत्पादन और बिक्री बढ़ने का लाभ खादी क्षेत्र से जुड़े खादी कामगारों को भी मिल रहा है। वित्त वर्ष 2013-14 से अब तक इनके पारिश्रमिक में 150 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। हाल ही में, 1 अप्रैल, 2023 से खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 33 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है।
7-नई दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित ‘खादी भवन’ का नया रिकॉर्ड-
2 अक्टूबर 2022 को नई दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित केवीआईसी के फ्लैगशिप ‘खादी भवन’ की बिक्री ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अपील पर खादी प्रेमियों ने, एक दिन में, पहली बार 1.34 करोड़ रुपये की खादी और ग्रामोद्योगी उत्पाद खरीद कर नया कीर्तिमान बना दिया।
8-प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) से ‘आत्मनिर्भर भारत’ का निर्माण-
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी अभियान से देश के युवाओं को जोड़ने के लिए PMEGP ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह योजना 'नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाला बनने' के पीएम मोदी के सपने को साकार करती है। वर्ष 2008-09 से वर्ष 2022-23 तक 21870.18 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरण के साथ ही, इस वर्ष 8.69 लाख परियोजनाओं की स्थापना कर 73.67 लाख लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान किया गया है। यही नहीं, 80% से अधिक इकाइयां ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैं, जिनमें से 50% से अधिक इकाइयों का नेतृत्व एससी, एसटी और महिला उद्यमी कर रही हैं। इतना ही नहीं, आकांक्षी जिलों में 14% से अधिक इकाइयां स्थापित की गई हैं। वर्ष 2022-23 के दौरान उपलब्धि 85167 इकाइयों की थी जिसमें 9.37 लाख रोजगार के अवसर सृजित हुए।
9- ‘ग्रामोद्योग विकास योजना’ का नया रिकॉर्ड-
गरीब कल्याण और समाज के सबसे निम्न स्तर पर कार्य करने वाले कारीगरों के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ‘ग्राम विकास योजना’ के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित कर रहा है। “हनी मिशन” कार्यक्रम के अंतर्गत 2017-18 से अब तक, 19118 लाभार्थियों को 1 लाख 89 हजार 989 लाख मधुमक्खी-बॉक्स और मधुमक्खी कालोनी का वितरण किया जा चुका है। ‘कुम्हार सशक्तिकरण’ कार्यक्रम के माध्यम से, अभी तक 25 हजार से अधिक कुम्हारों को आधुनिक विद्युत चालित चाक (इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील) का वितरण किया जा चुका है।
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