बिहार : सामाजिक और कानूनी सुधार के एजेंडे को चुनावी गणित से अलग करना चाहिए: माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 19 जून 2023

बिहार : सामाजिक और कानूनी सुधार के एजेंडे को चुनावी गणित से अलग करना चाहिए: माले

  • समान नागरिक संहिता मंजूर नहीं, यह विविधता को खत्म कर एकरूपता थोपने की है साजिश

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पटना 19 जून, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि सामाजिक और कानूनी सुधार के एजेंडे को चुनावी गुणा-गणित के हिसाब से अलग करना चाहिए. भाजपा ने एक बार फिर इस राग को छेड़ा है और इसके जरिए वह वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहती है. उन्होंने आगे कहा कि भारत विविध संस्कृतियों और रीति-रिवाजों का देश है. ऐसे में देश की विविधता को खत्म करने और समान नागरिक संहिता के नाम पर एकरूपता थोपने का कोई भी प्रयास प्रतिकूल साबित हो सकता है. यह पर्सनल लाॅ कानूनों में प्रगतिशील महिला-समर्थक बदलावों को सुविधाजनक बनाने की बजाए उलटे बाधित कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने आज पूरे देश को हिंसा व उन्माद की आग में झोंक दिया है. मणिपुर जल रहा है. उत्तराखंड में आग लगी हुई है. और अब समान नागरिक संहिता के नाम पर आग लगाकर भाजपा नया चुनावी स्टंट करना चाह रही है. यह हमें स्वीकार नहीं है.

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