मधुबनी, जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिले में स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई। उक्त बैठक के दौरान जिलाधिकारी द्वारा मेटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, परिवार नियोजन, आर सी एच व अनमोल, जन्म एवं मृत्यु निबंधन, एबी - एच डब्लू सी, आर बी एस के, नियमित टीकाकरण, ई - टेलीमेडिसिन, एन पी सी डी सी एस, एन वी बी डी सी पी, एन टी ई पी, एन एल ई पी व फाइलेरिया, प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना - आयुष्मान भारत सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि अगस्त के महीने से भारत सरकार द्वारा नियमित टीकाकरण सहित सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों को मोबाइल एप पर अपलोड करने के लिए मोबाइल एप विकसित किया गया है। जिसे यू - विन का नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य कोविड वैक्सिनेशन की तरह सभी आंकड़ों को ऑनलाइन अपलोड करना है। ताकि, उस से संबंधित न केवल आंकड़े ऑनलाइन देखे जा सकेंगे। बल्कि, संबंधित प्रमाणपत्रों को ऑनलाइन डाउनलोड कर प्रिंट भी हासिल किया जा सकेगा। उन्होंने इसे सभी गतिविधियों को धीरे धीरे पेपरलेस किए जाने के दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को सोमवार तक इस आशय का प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिए हैं जिसमें वे घोषित करेंगे कि उनके द्वारा जारी किए जा रहे इंजरी रिपोर्ट टाइप किए हुए और रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर के नाम, पदनाम व मोबाइल नंबर के साथ जारी किए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषियों को दोषी ठहराने में इंजरी रिपोर्ट की अत्यंत उपयोगिता होती है। ऐसे में इसे सही तरीके से प्रस्तुत किया जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि उनके क्षेत्र के अंतर्गत स्वस्थ विभाग के किसी भी प्रकार के भवन को यदि अतिक्रमित किया गया है तो उसकी सूचना संबंधित प्रखंड के अंचल अधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी व जिला को जल्द से जल्द दें। ताकि, उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि उनके क्षेत्र भ्रमण में स्वास्थ्य विभाग का कोई भवन अतिक्रमित पाया जाएगा तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने जिले में बढ़ती गर्मी को देखते हुए लू से जुड़े मामलों पर गंभीरता पूर्वक ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी सामुदायिक चिकित्सा केंद्रों पर लू के मरीजों के लिए अलग वार्ड के इंतजाम होने चाहिए। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि प्रत्येक सप्ताह जिले में स्वास्थ्य विभाग की सभी योजनाओं की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा किया करें। उन्होंने कहा कि पांच प्रमुख सूचकों की समीक्षा करते हुए फिसड्डी प्रखंडों में उपलब्धि सुधार पर कड़े कदम उठाएं। जो भी अधिकारी या कर्मी कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही कर रहा हो, उसपर कार्रवाई करें। उन्होंने कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जेनरेटर सेवा में की जा रही कोताही को गंभीरता से लेते हुए इसे जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिले में आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने के लिए जिला स्तर पर कार्य योजना बनाते हुए उसे सफलीभूत करने के निर्देश दिए हैं। उक्त अवसर पर सिविल सर्जन डॉ ऋषिकांत पांडेय, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ आर के सिंह, डीपीएम स्वास्थ्य, पंकज कुमार मिश्र, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार विश्वकर्मा, यूनिसेफ के जिला समन्वयक प्रमोद कुमार झा, यू एन डी पी के क्षेत्रीय पदाधिकारी, प्रियरंजन, आयुष्मान भारत योजना के जिला समन्वयक, प्रियरंजन सहित स्वास्थ्य विभाग के सभी वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
शनिवार, 10 जून 2023
मधुबनी : स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक
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