आज की किशोरियां कल का भविष्य हैं।
तभी देश का अस्तित्व है।।
इनकी छुटाओ न तुम शिक्षा।
पूरी होगी इनकी हर इच्छा।
हर घर को संभाल सकती हैं।।
ये किशोरियां हैं आत्मनिर्भर।
न बांधों तुम इनके हाथो में बेड़ियां।।
सिमित नही रहें ये सुसराल तक।
शिक्षा पाना इनका हक है।।
उषा
कक्षा -12
रोलियाना, उत्तराखंड
चरखा फीचर
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