बिहार : यह अमृतकाल नहीं आफतकाल है : दीपंकर भट्टाचार्य - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 4 जून 2023

बिहार : यह अमृतकाल नहीं आफतकाल है : दीपंकर भट्टाचार्य

  • शहरी गरीबों की लड़ाई को आगे बढ़ाना तोता चौधरी को सच्ची श्रद्धांजलि, तोता चौधरी की श्रद्धांजलि में जुटे माले के वरिष्ठ नेता

Teibute-tota-chaudhry
पटना, 4 जून, शहरी गरीबों के लोकप्रिय व संघर्षशील नेता और दो बार वार्ड पार्षद रह चुके दिवंगत तोता चौधरी की स्मृति में आज कंकड़बाग के अशोक नगर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ. आयोजन में भाकपा-माले के महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, स्थानीय कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में इलाके की जनता शामिल हुई. सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ पार्टी नेता केडी यादव ने और संचालन रणविजय कुमार ने किया. मौके पर राज्य सचिव कुणाल, पार्टी नेता राजाराम सिंह, अमर, गोपाल रविदास, सरोज चौबे आदि उपस्थित थे. माले महासचिव ने इस मौके पर कहा कि देश में अमृत काल नहीं आफत काल चल रहा है. कहा कि संसद में सेंगोल का क्या काम है, लोकतंत्र में राजतंत्र के प्रतीक का क्या काम है? देश की जिन बेटियों ने अन्तरराष्ट्रीय मेडल जीत कर देश का मान बढ़ाया, आज उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है. भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह पर पोक्सो के तहत भी एफआईआर हुआ है, फिर भी गिरफ्तारी नहीं हुई. उल्टे आंदोलनकारियों पर ही पुलिसिया दमन ढाया जा रहा है.


लोकतंत्र बचाना गरीबों का एजेंडा है. अमीर वर्ग को राजतंत्र से भी कोई दिक्कत नहीं होगी. नई शिक्षा नीति शिक्षा को एक कारोबार में बदल देने और गरीबों को शिक्षा से दूर करने की एक सोची समझी साजिश है. उन्होंने यह भी कहा कि आज बीजेपी को छोड़कर सबको देशद्रोही कहा जा रहा है. विपक्ष को सीबीआई, ईडी आदि के जरिए परेशान किया जा रहा है. भाजपा वाले हर चुनाव में एक नए बाबा को ले कर आ जाते हैं. 2014 में बाबा रामदेव थे और अब धीरेन्द्र शास्त्री. कुछ ही दिन मे सब जेल भी चले जाते हैं. नौबतपुर मे जहाँ धीरेंद्र शास्त्री आए थे, उसी के बगल में अंबेडकर की मूर्ती तोड़ दी गई. सीवान में भी मूर्ति तोड़ी गई. अंबेडकर ने गरीबों को अधिकार दिलाया, इसलिए वे अम्बेडकर से डरते हैं. हमारा देश समाजवादी देश के रूप में आगे बढ़ेगा. उसकी धर्मनिरपेक्ष पहचान को कोई मिटा नहीं सकता. देश आज आतंक के शासन के बल पर चल रहा है. बिहार से ही इंदिरा तानाशाही के खिलाफ आवाज़ उठी थी. आज जो लोकतंत्र मिटाने की बात कह रहे हैं, उन्हें 2014 में सत्ता से बेदखल कर देना है. यह भी कहा कि शहर का मतलब होता है शहर के गरीब, सफाई कर्मचारी, छोटे-छोटे दुकानदार और मेहनतकश जनता. स्थानीय सवालों पर आंदोलन तेज करना है. शहर के गरीबों के लिए कानून बने; रोजगार, पक्का मकान और बेहतर जीवन की गारंटी हो। कार्यक्रम में मीना तिवारी, शशि यादव, अनिता सिन्हा,मुर्तजा अली, शंभूनाथ मेहता, पन्नालाल सिंह, जितेंद्र कुमार, अनय मेहता, संजय यादव, राजकुमार, संतोष पासवान. तोता जी की धर्मपत्नी कमला देवी आदि भी उपस्थित थे.

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