विशेष : कर्म, धर्म और सांस्कृतिक गौरव होगा 2024 का एजेंडा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 9 जुलाई 2023

विशेष : कर्म, धर्म और सांस्कृतिक गौरव होगा 2024 का एजेंडा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों 2024 लोकसभा चुनाव व उससे पूर्व होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की जंग जीतने के लिए विकास योजनाओं को मूर्तरुप देने में जुटे है। शिलान्यास व लोकार्पण के बीच ताबड़तोड़ रैलिया कर रहे है। दो दिन में छत्तीसगढ़, यूपी व तेलांगाना सहित चार राज्यों में 50,000 करोड़ से भी अधिक योजनाओं की शुरुवात कर न सिर्फ विपक्षियों पर जमकर हमला बोला, बल्कि गोरखपुर व काशी में कर्म, धर्म और सांस्कृतिक गौरव के जरिए 2024 का एजेंडा भी तय कर दिया। एजेंड के तहत ही जहां भी मोदी गए वहां गांव, किसान, मुसलमान, भ्रष्टाचार और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भी खुलकर बात की. मतलब साफ है पीएम मोदी ने चुनावी शंखनाद करते हुए 2024 चुनाव को लेकर एक तरह से बीजेपी का एजेंडा सेट कर दिया है। ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है क्या मोदी के दौरे से विपक्ष की हवा हो गई टाइट हो गयी है?

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लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं। उससे पहले एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस अभी बैठक ही कर रही है, लेकिन भाजपा काफी पहले ही मिशन मोड में जुट गई है। भाजपा को जीताने के लिए निकले मोदी ने बीते 24 घंटे में चार राज्यों की सभाओं में सिर्फ और सिर्फ विकास की बात करते हुए विपक्षियों को ही निशाने पर रखा। खासकर योगी के कर्मभूमि गोरखपुर व अपने संसदीय क्षेत्र काशी में मोदी ने बता दिया विकास ही उनका संकल्प है। इसमें विपक्ष की किसी भी धमकी के आगे वे झुकने वालें नहीं। काशी में तो साफ शब्दों में विपक्ष को ललकारते हुए कहा, मोदी है डरेगा नहीं, तगड़ा जवाब मिलेगा। या यूं कहे जो डर गया वो मोदी नहीं सकता। फिरहाल, पीएम मोदी गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने गोरखपुर-लखनऊ रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई. इस कार्यक्रम में शरीक होकर मोदी ने संकेत दिया कि सिर्फ राम मंदिर ही नहीं बल्कि उनके एजेंडे में वो पुस्तिकाएं भी है, जो लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने की राह दिखाते है। एक तरह से देखा जाएं तो पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर चुन-चुनकर वार किए. पीएम मोदी के पूरे संबोधन के दौरान फोकस गांव, किसान, मुसलमान, भ्रष्टाचार, यूनिफॉर्म सिविल कोड, विकास व मठ मंदिर पर रहा, जिसके चुनावी मायने निकाले जाने लगे हैं. उन्होंने कहा घोटाले करने वालों की दुकान अब बंद हो चले है। बता दें, 7 जुलाई को दो दिवसीय दौरे पर आएं प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी और आस पास के जिलों के लिए 12 हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात दी।


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पीएम मोदी ने यहां काशी क्षेत्र के भाजपा नेताओं के साथ टिफिन बैठक में भी हिस्सा लिया और उनके साथ खाना खाया. इस बैठक में पार्टी के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे. उनसे उनका कुशल-क्षेम लिया, सभी कार्यकर्ताओं को अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने को कहा और पार्टी की जीत के लिए कार्यकर्ताओं को मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि पार्षद अपने घर में कार्यालय खोलें। इसमें खुद बैठें। यदि कहीं जाएं तो परिवार के किसी सदस्य को बैठाएं ताकि आम जनता अपनी समस्याएं लेकर आए। जनता की बात सुनें और समस्या का समाधान कराएं। मौखिक बातचीत या फिर आश्वासन तक सीमित न रहें। पार्षद प्रतिदिन शाम को नगर निगम जाएं। जनता की समस्या का निस्तारण कराएं। इसके अलावा सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को मिल रहा है या नहीं, यह जरूर देखें। पात्रों को सरकार की योजनाओं का लाभ जरूर दिलाएं। खास बात यह है कि 2014 की तुलना में 2024 की परिस्थितियां अलग होने वाली हैं। भाजपा अपना जनाधार बढ़ाने पर फोकस कर रही है। उस समय मुसलमानों को लेकर आम धारणा ऐसी थी कि वे भाजपा को वोट ही नहीं देंगे। हालांकि इस बार भाजपा की तैयारी और रणनीति कुछ इस तरह की है कि 85 फीसदी मुसलमानों को साधने की कोशिश की जा रही है। जी हां, पीएम मोदी ने जिन पसमांदा मुसलमानों के हितों की बात की है उनकी तादाद 80 से 85 फीसदी है। इसके बाद से ओवैसी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी से लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर बेचैनी होना लाजिमी है। इसे एक-एक कर समझना होगा। पीएम मोदी ने भोपाल में समान नागरिक संहिता को लेकर जो कहा है उसके बाद सियासी घमासान शुरू हो गया है. विपक्ष ने इसे चुनाव के लिए दिया बयान बताया है. जबकि पीएम मोदी ने कहा, दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा. पीएम मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह यूसीसी के मुद्दे पर मुसलमानों को गुमराह कर रहा है. उन्होंने कहा, हमें ध्यान रखना चाहिए कि संविधान भी देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है. पीएम मोदी ने शीर्ष अदालत का भी जिक्र किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसके पक्ष में है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वाले इसका विरोध कर रहे हैं. कहा जा कता है प्रधानमंत्री मोदी की गोरखपुर और वाराणसी यात्रा से पूर्वांचल के विकास, राष्ट्रवाद और सुरक्षा का संदेश देने की कोशिश है। गोरखपुर में गीताप्रेस गोरखपुर के शताब्दी समारोह के समापन समारोह और काशी में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के जरिये राष्ट्रवाद का संदेश दिया है। वहीं विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर बदलते पूर्वांचल की तस्वीर भी पेश की है। पूर्वांचल में आ रहे निवेश से सुधरी कानून व्यवस्था का भी संदेश हैं।


बीजेपी के कोर एजेंडे में यूसीसी

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बीजेपी के कोर एजेंडे में तीन मुद्दे रहे हैं- अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, जम्मू और कश्मीर से धारा 370 हटाना और देश में समान नागरिक संहिता लागू करना. इनमें से राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है और धारा 370 खत्म हो गई है, अब बचा है तीसरा मुद्दा, समान नागरिक संहिता, जिस पर मोदी सरकार को काम करना है. ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है क्या बीजेपी ने अपना आखिरी ब्रह्मास्त्र चला दिया है? ये सवाल यूं ही नहीं उठा है. केंद्र की मोदी सरकार ने इस पर काम शुरू कर दिया है. हाल ही में, केंद्रीय विधि आयोग ने यूसीसी को लेकर सुझाव मांगे थे. उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात और गोवा जैसे राज्य जहां बीजेपी की सरकार है, पहले ही यूसीसी को लाने के लिए काम शुरू हो चुका है. उत्तराखंड की बीजेपी सरकार तो यूसीसी को लेकर विधानसभा में ड्राफ्ट पेश करने की तैयारी कर रही है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने इस बार पसमांदा मुसलमानों तक पहुंचने का प्लान बनाया है. यही वजह है कि पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे विपक्ष को बेनकाब करें और अल्पसंख्यकों के लिए मोदी सरकार के लिए गए फायदें गिनाएं. कहा कि जिन लोगों ने दशकों तक शासन किया, उनके मूल में बेईमानी है। 2014 से पहले भ्रष्टाचार व बेईमानी का कारोबार चलता था। कालाबाजारी व भ्रष्टाचार की खबरों से अखबार भरे रहते थे। अब विकास की खबरें छपती हैं। जनकल्याण की बात होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो संसाधन पहले थे, वही अब भी हैं। लेकिन सरकार बदलने के साथ नियत बदली है। इसी का नतीजा है कि गरीब कल्याण की योजनाएं तेजी से आगे बढ़ाई जा रही हैं। देश का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है। नियत साफ होती है तो विकास योजनाएं हमेशा जमीन पर उतरती हैं। जबकि भ्रष्ट व नाकाम सरकार चलाने वाले लोग अब लाभार्थियों का नाम सुनकर तिलमिलाते हैं। सामाजिक न्याय की सार्थक पहल की आलोचना करते हैं। पहले गिने-चुने लोगों को लाभ मिलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। सामाजिक न्याय के अप्रतिम उदाहरण के साथ समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाया जा रहा है। गरीब, शोषित और वंचितों का ख्याल रखा जा रहा है। इससे भेदभाव, भ्रष्टाचार, बेईमानी व घोटाला करने वाले लोगों की दुकानें बंद हो गई हैं।


दिवाली से पहले जगमगाएगा काशी

पूर्वांचल में औद्योगिक विकास की रफ्तार बढ़ाने और युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लेकर हुई इन्वेस्टर समिट के अनुबंध अब कागजों से निकल कर जमीन पर आने लगे हैं। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तिथि तो अभी तय नहीं, लेकिन जिला प्रशासन व उद्योग विभाग इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तिथि तो अभी तय नहीं लेकिन जिला प्रशासन व उद्योग विभाग इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। फिलहाल 117 यूनिट लगाने के लिए उद्यमियों ने पूर्ण सहमति दे दी है। इसके लिए उनके पास जमीन के साथ ही अन्य सभी व्यवस्था भी उपलब्ध हो गई है। इस पहल से 24 हजार करोड़ से अधिक का निवेश तत्काल होने को तैयार है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान बनारस के लिए 449 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। उद्योग विभाग इसमें शामिल अन्य उद्यमियों से लगातार संपर्क में है जिन्होंने समिट में 1.38 लाख करोड़ के निवेश के लिए हस्ताक्षर किए हैं।


फिर पूर्वांचल को मजबूत कर गए मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में भाजपा के फायर ब्रांड हिन्दुत्व के चेहरे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है। इन्हीं की करिश्माई जादू से 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 27 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कुछ ऐसा ही 2019 में भी रहा। इसी के मद्देनजर एकबार फिर मोदी ने पूर्वांचल को रिझाया। उन्हें हजारों करोड़ रुपये की सौगात दी। देखा जाएं तो पूर्वांचल में संगठनात्मक रूप से भाजपा ने 27 लोकसभा क्षेत्रों को काशी और गोरखपुर क्षेत्र में बांटा है। काशी क्षेत्र का केंद्र वाराणसी और गोरखपुर क्षेत्र का केंद्र गोरखपुर ही है। काशी क्षेत्र की 14 लोकसभा सीटों में से भाजपा के पास 12 सीटें हैं जबकि गोरखपुर क्षेत्र की 13 में से दस लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। दोनों क्षेत्रों की अंबेडकर नगर, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर और लालगंज सीट पर बसपा काबिज है। पूर्वांचल की आजमगढ़ सीट को सपा का गढ़ माना जाता है हालाकि उप चुनाव में यह सीट भाजपा ने छीन ली थी। लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सपा के महासचिव शिवपाल यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा है। भाजपा ने 2024 में सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। लिहाजा आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी 22 सीटों पर कब्जा बरकरार रखते हुए सपा-बसपा के गढ़ ढहाना भी पार्टी के लिए चुनौती है। यही वजह है कि मोदी और योगी सरकार ने बीते छह वर्षों में पूर्वांचल के विकास पर फोकस किया है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे जैसी बड़ी परियोजनाएं धरातल पर उतारी हैं। वहीं अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि पर भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। काशी विश्वनाथधाम कॉरिडोर का निर्माण किया है। कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बना है। वहीं योगी सरकार ने पूर्वांचल में कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए माफिया मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद सहित अन्य बदमाशों के अपराधों पर नकेल कसी हैं। पूर्वांचल में औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न निवेश नीतियों में पूर्वांचल में निवेश के लिए विशेष प्रोत्साहन देना शुरू किया है। खास यह है कि पूर्वांचल के 27 लोकसभा क्षेत्रों में कुर्मी, मौर्य, राजभर, निषाद, यादव सहित अन्य जातियों का गढ़ हैं। लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में इनमें से यादव और राजभर को छोड़कर अधिकांश जातियों का रुख भाजपा की ओर रहा है। वहीं दलित वर्ग में कोरी, पासी, सोनकर, जाटव और कोल जाति के मतदाताओं भी निर्णायक संख्या में हैं। इनता ही नहीं भाजपा सपा-बसपा के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए पसमांदा मुस्लिम समाज को साधने का प्रयास कर रही है। पूर्वांचल की इन सीटों पर पसमांदा मुस्लिम मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं। अपने दो दिवसीय दौरे में मोदी ने इन्हीं वर्गो को साधा है। मतलब साफ है भाजपा के परंपरागत वोट बैंक ब्राह्मण, ठाकुर, कायस्थ और राजभर के साथ यदि पिछड़े, पसमांदा और दलितों का समर्थन मिल गया तो भाजपा के लिए मिशन 80 को पूरा करने की राह आसान होगी।





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सुरेश गांधी

वरिष्ठ पत्रकार

वाराणसी 

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