सामयिक : विपक्षी वोटों के बंटवारे से लोकसभा में आसान होगा सीएम ममता का रास्ता - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 13 जुलाई 2023

सामयिक : विपक्षी वोटों के बंटवारे से लोकसभा में आसान होगा सीएम ममता का रास्ता

  • मुस्लिम बहुल इलाकों में अटूट रहा तृणमूल पर विश्वास

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कोलकाता। तमाम आरोपों के बीच ही सही एक बार फिर ग्राम बांग्ला पर तृणमूल का कब्जा हो गया है। वैसे मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर भाजपा का इस पंचायत चुनाव में प्रदर्शन संतोष जनक कहा जाना ठीक नहीं होगा। राजनीति के जानकारों की माने तो तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत का जो सबसे बड़ा कारण विपक्षी वोटों में समानांतर विभाजन माना जा रहा है। वहीं ग्राम बांग्ला अल्प संख्यकों यानी मुस्लिम बहुल इलाकों की बात करें तो यहां इनके वोंट का बंटवारा नहीं हुआ बरन तृणमूल के प्रति और बेहतर हुआ है। जानकारों की माने तो इसका फायदा सीएम ममता की पार्टी तृणमूल को  2024 के लोकसभा के चुनाव में मिलना है। वैसे बंगाल की सत्तरुढ़ पार्टी के एक वरिष्ठ नेता की माने तो सच तो यह भी है कि उन्हें जिस तरह से भाजपा का भीतर से हौव्वा था उसके मुकाबले वाम मोर्चा, कांग्रेस और ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) गठबंधन के वोट शेयर प्रतिशत में गिरावट के बदले वृद्धि हुई है। यानी साफ है कि बीजेपी के लिए वोट शेयर प्रतिशत में गिरावट तिकड़ी गठबंधन के पक्ष में गई है, जिससे तृणमूल को फायदा हुआ है। तृणमूल के वरीय सूत्रों और जानकारों की माने तो 2024 के लोकसभा चुनावों में भी तृणमूल को इसी तर्ज पर फायदा हो तो हैरत की बात नहीं होगी। वोटों के बंदर बांट में तृणमूल ने ग्राम बांग्ला में जमकर फायदा उठया। देखा जाए तो इस पंचायत में बीजेपी ने अपने गढ़ में भी निराशाजनक प्रदर्शन किया है। देखा जाए तो बुधवार शाम को चुनावी नतीजों का रुझान स्पष्ट होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बॉडी-लैंग्वेज से भी आत्मविश्वास साफ झलका। इस दौरान सीएम ममता ने कहा कि, "राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन पर चर्चा चल रही है। इसलिए हर किसी को कुछ भी कहने से पहले सोचना चाहिए। अगर आप मुझे यहां गाली देते हैं, तो मैं आपकी पूजा नहीं कर सकती। अगर आप भी मुझे उचित सम्मान देंगे तो मैं जवाब दूंगी।" देका जाए तो निकाय चुनावों में भाजपा का वोट शेयर 2021 में 38 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशत हो गया। दूसरी ओर, ग्रामीण निकाय चुनावों में जीती गई सीटों की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर होने के बावजूद, कांग्रेस-वाम मोर्चा और ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) के लिए उम्मीद की किरण वोट शेयर में महत्वपूर्ण सुधार हुए। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के मुकाबले पंचायत में इस तिकड़ी का वोट शेयर प्रतिशत 2021 के 10 प्रतिशत से बढ़कर दोगुने से भी अधिक 21 प्रतिशत हो गया है। वहीं ग्राम बांग्ला मुस्लिम बहुल इलाके में तृणमूल के प्रदर्शन को देखें तो पता चलता है की सीएम ममता पर इस वर्ग का विश्वास बना हुआ है।


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जगदीश यादव

पत्रकार

कोलकाता

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