- माध्यमिक शिक्षक संघ, अभियान सांस्कृतिक मंच और ऑल इन्डिया स्टूडेंट फेडरेशन संयुक्त रूप से किया प्रतिरोध सभा का पटना में आयोजन
साउथ एशियन यूनिवर्सिटी की छात्रा मनु ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया " विश्विद्यालय में लोकतांत्रिक माहौल नही है इस विश्विद्यालय में कई सार्क देशों के गरीब छात्र पढ़ने आते है जिनकी आर्थिक हालात बहुत कमजोर होती है।ऐसे गरीब छात्रों के लिए स्कॉलरशिप जरूरी है। ये चारों शिक्षक छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय रहे है। मार्क्सवादी स्टडी सर्किल चलाने आरोप गलत है क्योंकि विश्विद्यालय के पाठ्यक्रम में ही मार्क्स । है अगर समाजविज्ञान के शिक्षक इसे पढ़ा रहे है तो गलत क्या है ये सोचने की बात है। " टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के पटना सेंटर के चेयरपर्सन रहे पुष्पेंद्र ने कहा " देश के सभी लगभग सभी विश्विद्यालय की यही हालत है। निलंबन हटाने की लड़ाई को आक्रामक तरीके से लड़ना होगा। मैं टाटा में काम करता रहा हूं यहां के पाठ्यक्रम में ही रहा करता है की पढ़ाई के अलावा समाज में हो रहे अन्याय, जुल्म आदि के खिलाफ संघर्ष में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना है । जब TISS के कुलपति परमेश्वरन हुआ करते थे तो अपने जब संस्थान का छात्र आंदोलन में थाना चला जाता था तो वे खुद उसके जमानत करवाकर लाया करते थे । लेकिन भारत नरेंद्र मोदी के आने के बाद उच्च शिक्षा की स्थिति बदतर होती चली गई है । अब विश्विद्यालयों से कहा जाता है को आप अपना खर्च खुद जुटाइए सरकार मदद नहीं करेगी।" ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस ( AITUC) के महासचिव अजय कुमार प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा " सरकारों का चरित्र यही हो गया है लोकतांत्रिक आंदोलन लगातार दमन हो रहा है। बिहार के शिक्षक आंदोलन कर रहे और शिक्षा मंत्री उलूल जुलूल बयान दे रहे। लड़ाई से ही रास्ता निकलता है शिक्षक और छात्र संगठनों को साथ आना चाहिए सड़को पर संघर्ष तेज करना होगा। निलंबित अध्यापकों में से एक रवि कुमार जी पटना के केदारदास श्रम व समाज अध्ययन संस्थान से भी जुड़े है। संस्थान के साथ इन्होंने कई कार्यक्रम किए थे। हमलोग वहां भी कुछ कार्यक्रम करेंगे। " मज़दूर पत्रिका के पार्थ सरकार के अनुसार " ये बहुत जरूरी आयोजन है जो आज यहां हो रहा है । साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के छात्रों और अध्यापकों के साथ ऐसा सलूक जान बुझ कर किया गया है ताकि यहाँ भविष्य में वहां विरोध की कोई आवाज ही नही उठ सके। "
बिहार प्राथमिक शिक्षकों के नेता भोला पासवान ने कहा " दिल्ली में जॉइंट फोरम की बैठक मे चारो शिक्षक उस बैठक में शामिल थे। हमलोगों ने निर्णय लिया है।बिहार में शिक्षक आंदोलन पर है हमलोग सरकार के समर्थक बने है शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव भी असभ्य भाषा में बोल रहे है इन सब बातों पर विचार करना होगा। " अखिल भारतीय मैत्रीशांति संघ ( ISCUF ) के महासचिव रविंद्र राय ने कहा " यह नीतिगत लड़ाई है जो शिक्षा नीति के साथ साथ आर्थिक नीति के मोर्चे pr भी लडी जानी है । बीजेपी के खिलाफ हमलोग गोलबंदी कर सकते है लेकिन आर्थिक नीतियों के खिलाफ गोलबंदी नही कर सकते है। पर लड़ाई तो लड़ना होगा। " पटना कॉलेज के प्राचार्य रहे प्रो नवल किशोर चौधरी ने कहा " प्रतिरोध का परिणाम होता है निराश होने की जरूरत नहीं है । प्रख्यात इतिहासकार इरफान हबीब को भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से निलंबित किया गया था । खुद मैं भी पटना यूनिवर्सिटी में निलंबित हो चुका हूं। लेकिन संघर्ष के परिणामस्वरूप निलंबन वापस हुआ । हमे आशावान होना चाहिए । कोई संघर्ष बेकार नही होता हम कमजोर होते हुए लड़ाई जीत सकते है। " अवकाश प्राप्त बिहार पब्लिक प्रौसिक्युटर ऑफिसर ज्ञानचंद भारद्वाज ने इस निलंबन के कानूनी उठाते हुए कहा " विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षकों के बुनियादी अधिकारों पर हमला किया है । साथ ही हमलेगों को सार्क देशों की बैठक बुलाकर इस समस्या के समाधान की दिशा में प्रयास करने के लिए दबाव बनाना चाहिए। साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के इस कदम से भारत की साख सार्क देशों में कमजोर होगी जो देश के लिए अच्छा नहीं है ।" शिक्षाविद अक्षय कुमार ने कहा " साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने शिक्षाशास्त्रीय मान्यताओं को धता बताकर गैर शैक्षिक प्रशासकीय कदम उठाया है जो निहायत गलत है । सरकार तमाम शैक्षिक मामलों को प्रबंधन के माध्यम से सुलझाना चाहती है ।"
प्रतिरोध सभा को ए. आई. एस. एफ के ,राज्य नेता पुष्पेंद्र शुक्ला, सीपीआई के पटना जिला सचिव विश्वजीत कुमार , जनवादी लेखक संघ के कुलभूषण गोपाल, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले अभय पांडे , शिक्षाविद अक्षय कुमार आदि ने भी संबोधित किया । अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुधन प्रसाद सिंह ने कहा " निलंबित शिक्षकों के सवाल पर पटना ने पहलकदमी ली है । नई शिक्षा नीति को लेकर वाम के सांसद के साथ दूसरे दल के सांसद से भी लोकसभा में उठवाने की काम शिक्षक नेता करे। बिहार मे शिक्षा नीति को लेकर सीपीआई के एमएलसी संजय सिंह का संकल्प स्वीकार कर लिया गया है। ठीक इसी प्रकार विनय विश्वम ने भी विदेश मंत्री को पत्र लिखा है। " प्रतिरोध सभा के दौरान एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया । साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के चारों अध्यापकों के निलंबन रद्द करने तथा सार्क देशों के अविलंब बैठक बुलाने को लेकर विदेश मंत्री को पत्र भेजना तय किया गया है । प्रतिरोध सभा में मौजूद अन्य लोगों में थे अशोक कुमार सिन्हा, सुमंत शरण, विजय शर्मा, सतीश कुमार, etk अध्यक्ष गजनफर नवाब, बिजली कर्मचारियों के नेता डी.पी यादव, ए.एन कॉलेज में उर्दू के लेक्चरर मणिभूषण, छात्र नेता अमन, रंगकर्मी गौतम गुलाल, फिल्मकार राजू कुमार, देवरत्न प्रसाद ।
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