- उस्ताद मंसूर अली कादरी की मेहनत रंग लाई, उस्ताद दायम अली खान अवार्ड भी दिया गया
उस्ताद मंसूर अली कादरी ने आगे बताया कि फुरक्खाबाद घराना के प्रसिद्ध तबला वादक के नाम पर सम्मान देना हम सब के लिए गर्व का लम्हा है। उस्ताद दायम अली कादरी खान साहब शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में ऐसे दिग्गज रहे हैं, जिनकी कलात्मकता समय से परे है और एक अमिट छाप छोड़ती है। ऐसे ही एक उस्ताद थे दिवंगत उस्ताद दायम अली कादरी, एक ऐसे गुणी व्यक्ति जिनके संगीत की गूंज आत्मा की गहराइयों तक पहुंची और संगीतकारों की पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनके नाम का अवार्ड हम गर्व से प्रस्तुत करते हैं। यह पुरस्कार, यह सम्मान उनके उल्लेखनीय योगदान को श्रद्धांजलि देता है। इसका नाम प्रसिद्ध उस्ताद दायम अली कादरी खान साहब के नाम पर रखा गया, जिन्होंने अपनी भाव-विभोर करने वाली प्रस्तुति और शास्त्रीय संगीत की पेचीदगियों पर अद्वितीय पकड़ रखते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस पुरस्कार का उद्देश्य उनकी विरासत को याद करना और उनके जज़्बात को आगे बढ़ाना है। उस्ताद दायम अली खान साहब की कलात्मक प्रतिभा और शास्त्रीय परंपराओं को संरक्षित करने के लिए उनका समर्पण उन्हें उत्कृष्टता का प्रतीक बनाता है और यह पुरस्कार उन्हें कायम रखने का प्रयास करता है। प्रसिद्ध संगीतकारों, संगीत प्रेमियों और कला क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यह समारोह शास्त्रीय संगीत का एक मनमोहक उत्सव बन गया। उस्ताद दायम अली कादरी खान साहब अवार्ड के प्रस्तुतकर्ता उस्ताद मंसूर अली कादरी के बारे में बता दें कि उस्ताद मंसूर अली कादरी मशहूर तबला उस्ताद हैं जो उस्ताद दायम अली कादरी खान साहब के पुत्र और शिष्य हैं। फ़िलहाल वह स्वर मंगल अकादमी, मुंबई के हेड फैकल्टी के पद पर कार्यरत हैं, जहां वह सभी आयु वर्ग के छात्रों को संगीत की तालीम दे रहे हैं।यहां विदुषी मीता पंडित ने अपनी प्रस्तुति से ऑडिएंस का दिल जीत लिया। वहीं उस्ताद सारंगी सुल्तान कमाल साबरी एक प्रसिद्ध भारतीय सारंगी वादक हैं। उस्ताद मंसूर अली कादरी साहब के शिष्य राघव कपूर ने कुछ सूफी कलाम पेश किया। उस्ताद मंसूर अली कादरी साहब की शिष्या मुस्कान मोदी ने अपनी प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध कर दिया।
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