सहरसा : दोनों जगहों पर पुलिस पर आरोप है कि मृतकों की मारपीट करने से मौत हुई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 11 जुलाई 2023

सहरसा : दोनों जगहों पर पुलिस पर आरोप है कि मृतकों की मारपीट करने से मौत हुई

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सहरसा. सोमवार 10 जुलाई से बिहार विधानसभा के लघु सत्र शुरू हुआ.बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र है.सत्र के दौरान कुल 5 कार्य दिवस होगा.मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई.हंगामा तो सहरसा और मधेपुरा जिले में भी हुआ.सहरसा जिले पतरघट ओपी क्षेत्र में शराब विक्रेता के रूप में पहचान दिलीप सादा की मौत हो गई है.उसी तरह मधेपुरा जिले के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के गमैल में शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार राजेंद्र सहनी की मौत हो गई.दोनों जगहों पर पुलिस पर आरोप है कि मृतकों की मारपीट करने से मौत हुई है.  बताया गया कि पतरघट ओपी को मालूम हुआ कि चौआनिया मुसहरी में शराब बेची जाती है.पतरघट ओपी के जवान मुसहरी में जाकर दिलीप सादा को शराब मामले में शुक्रवार 7 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया.उसके बाद दिलीप सादा की पिटाई करते हुए पौने किलोमीटर तय करके पतरघट ओपी लाए.उसके बाद 12 किलोमीटर दूरी करके टेम्पू से सौर बाजार थाना ले गए.शनिवार  8 जुलाई को दिलीप सादा को जेल भेजा गया.देर रात जेल में अचानक तबीयत खराब हुई तो पुलिस ने सदर अस्पताल में भर्ती करवाया जहां इलाज के दौरान रविवार 9 जुलाई की रात 35 वर्षीय बंदी की इलाज के दौरान मौत हो गई.आवासीय भूमिहीन दिलीप सादा की पत्नी चंपा देवी है.अभी वह गर्भवती है.एक लड़का है।  मृतक दिलीप सादा बंदी के परिजनों का कहना है कि पतरघट ओपी की पुलिस द्वारा शराब बेचने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार करने के बाद उसकी बहुत पिटाई की गई थी. इसके बाद उसको थाना लिया और वहां भी बेरहमी से पीटा. उन लोगों का कहना है कि सुबह में मेडिकल जांच के लिए ले गया तो वहां भी कुछ नहीं निकला. उसे जेल भेज दिया गया.जेल में भी ठीक ही था, लेकिन अचानक कैसे जेल में मौत हुई ये मुझे नहीं पता है. उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस की मार से ही मौत हुई है क्योंकि वह बीमार नहीं था.  पतरघट ओपी प्रभारी अमरेंद्र ज्ञानेंद्र ने मारपीट की बात को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि ये बेबुनियाद बात है.उसके साथ कोई मारपीट नहीं की गई थी.ये शराब धंधेबाज था और शराब मामले में उसको जेल भेजा गया था. पहले से भी ये अस्वस्थ चल रहा था. अचानक तबीयत खराब होने से उसकी मौत हुई है.  यह खबर भी गंभीर है.मधेपुरा मंडल कारा में शराब पीने के जुर्म में कैद एक कैदी की मधेपुरा सदर अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार 10 जुलाई को मौत हो गई. घटना के संबंध में बताया जाता है कि बीते गुरुवार 6 जुलाई को उदाकिशुनगंज अनुमंडल अंतर्गत बिहारीगंज थाना क्षेत्र के गमैल में शराब पीने के आरोप में उत्पाद विभाग की टीम ने राजेंद्र सहनी को गिरफ्तार किया था।  राजेंद्र की पत्नी पुनिया देवी ने बताया कि वे घर का राशन खरीदने के लिए हटिया गए थे. इसी दौरान उनकी गिरफ्तारी हुई थी.सोमवार 10 जुलाई की सुबह उसके बीमार होने की सूचना मिली थी. वे लोग मधेपुरा पहुंचे तो वहां उनके पति का मृत शव मिला. पुनिया देवी ने मधेपुरा जेल में उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया.राजेंद्र के शरीर पर कई जगहों पर जख्म के निशान भी दिखाए गए.  इस घटना के संबंध में मधेपुरा जेल सुपरिटेंडेंट अमर शक्ति ने बताया कि अहले सुबह 3 बजे के करीब राजेंद्र ने सीने में दर्द की शिकायत की जिस पर उन्हें इलाज के लिए मधेपुरा सदर अस्पताल भेजा गया. यहां स्थिति को गंभीर देखते हुए उसे मधेपुरा मेडिकल कॉलेज भेजा गया. लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई।  जब उनसे मारपीट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये आरोप सामान्य तौर पर परिवार वालों द्वारा लगाया जाता है. वैसे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही असल मौत का कारण सामने आएगा. यदि मारपीट की बात सामने आती है तो जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.  बिहार के मधेपुरा में जेल में बंद एक कैदी की मौत होने के बाद उसके परिजनों ने जमकर बवाल काटा.इसके बाद गुस्साए परिजनों ने जेल प्रशासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ सदर अस्पताल गेट के पास लाश रखकर मेन रोड को जाम कर दिया।  करीब 2 घंटे के जाम के बाद गुस्साए परिजन ने लाश को लेकर सदर थाना ( जेल गेट ) गेट पर रख दिया और मुआवजा की मांग करने लगे. सदर थाने की पुलिस ने जब परिजनों से बात करने की कोशिश की तो आक्रोशित परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे. परिजनों ने जेल प्रशासन पर मौत का आरोप लगाया है. उनका कहना था कि युवक को शराब पीने के जुर्म में दूसरी बार गिरफ्तार किया गया था और जेल में पुलिस ने युवक के साथ मारपीट की. परिजन मृतक के पूरे शरीर पर जख्म देख और आक्रोशित हो गए थे. बताया जा रहा है कि 45 साल का कैदी राजेन्द्र सहनी उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र के बिहारीगंज थाना के गमैल का निवासी था. मौत के बाद से मृतक की पत्नी और बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है.

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