बताते चले कि लोकगायिका नेहा सिंह राठौर का विवाह यूपी निवासी हिमांशु सिंह के संग हुआ है.जब नेहा ने ससुराल यूपी में रहकर यूपी में का बा? यूपी में का बा पार्ट 2,बेकाबू बा बुलडोजर तोहार ए बाबा ने प्रस्तुत की तो बवाल मच गया.लोक गायिका नेहा सिंह राठौड़ को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उनके नवीनतम गीत के साथ "वैमनस्य और तनाव" पैदा करने के लिए नोटिस दिए जाने के कुछ दिनों बाद, दृष्टि आईएएस के साथ काम करने वाले उनके पति हिमांशु सिंह को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है. दृष्टि आईएएस सिविल सेवाओं के लिए एक प्रमुख कोचिंग संस्थान है.वहां से हिमांशु सिंह को हटना पड़ा. ताजातरीन अपने नए पैरोडी गीत में 'एमपी में का बा' से नेहा ने मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है. इसमें नेहा राठौर ने सीधी पेशाब कांड, आदिवासी उत्पीड़न, पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी, व्यापमं घोटाला और महाकाल लोक में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर सीएम शिवराज को घेरा है. इसके अलावा, अपने इस गीत में नेहा ने मध्य प्रदेश में लाडली बहनों को एक हजार रुपये महीना देने, लेकिन उन्हें रोजगार न मिलने को लेकर सीएम शिवराज पर निशाना साधा है। इसके अलावा, उन्होंने प्रदेश पर बढ़ते कर्ज का लेकर भी शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. इस वीडियो को लेकर जहां प्रदेश की भाजपा सरकार पर तंज कसा गया है, वहीं कांग्रेस को एक नया मौका मिल गया है. चुनावी राज्य में कांग्रेस ने इस गीत को लपक लिया है. सोशल मीडिया में 'का बा' लोकगीत के माध्यम से फेमस हुईं नेहा सिंह राठौर के खिलाफ मध्यप्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार को एफआईआर दर्ज हो गई है. जहां उन्होंने अपने का बा लोकगीत को अब मध्यप्रदेश के सीधी से जोड़ा है, उसे रिलीज करने को लेकर ट्वीट किया था. साथ ही उन्होंने एक कार्टून भी सोशल मीडिया में पोस्ट किया है। जहां उस कार्टून में आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पोशाक पहने हुए सिगरेट पीता हुआ एक शख्स दिखाया गया है.जहां एक आदिवासी युवक बैठा हुआ है, उसके ऊपर पेशाब कर रहा है. आदिवासी समाज के ऊपर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के व्यक्ति को जोड़ना एक सामाजिक अपराध के रूप में देखा गया है.ऐसे में कोतवाली थाना प्रभारी सतीश मिश्रा ने इस पर एफआईआर दर्ज कर ली है.
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम कतरवार के रहने वाले महेंद्र मिश्रा (21) ने नौ जुलाई को आवेदन दिया था.इस पर संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी कोतवाली के निर्देशन में मंगलवार को एफआईआर दर्ज कर ली गई है. बता दें की सीधी पेशाब कांड पर ट्वीट करने के बाद नेहा सिंह राठौर के खिलाफ भोपाल समेत एमपी के कई शहरों में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. सीधी पेशाबकांड को लेकर नेहा सिंह ने एक ट्वीट किया था, जिसमें पेशाब करता हुआ व्यक्ति कथित रूप से RSS की गणवेश में नजर आ रहा है.इस शिकायत के आधार पर धारा 153(A) के तहत नेहा सिंह राठौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई.नेहा सिंह राठौर ‘यूपी में का बा’ गीत के चलते पहले ही चर्चा में थीं. यहां पर कहा जा सकता है कि लोकगायिका नेहा सिंह राठौर के ऊपर प्रशासनिक सितम होने लगा है.दर्जनों एफआईआर हाे चुके है.तब सोशल मीडिया के माध्यम से लोकगायिका ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह जी से विनम्र निवेदन किया है कि मेरे गीत को विपक्ष या कांग्रेस का गीत न कहें. एक लोकगायिका के तौर पर सत्ता से सवाल पूछना ही मेरा धर्म है और मैं अपने धर्म का पालन कर रही हूं.मेरे गीत और उनमें मौजूद सवाल मध्य प्रदेश की आम जनता के सवाल हैं.
वहीं बीस-पच्चीस महिलाओं के द्वारा विपरित माहौल खड़ा करने वाली महिलाओं से नेहा पूछती हैं कि उस समय आप कहां थी चाची जब महिला पहलवानों को सड़क पर घसीटा गया, बिल्किस बानो के साथ अन्याय हुआ, अंकिता भंडारी को मारकर नहर में फेंक दिया गया, और हाथरस में बहनों को मारकर लटका दिया गया..किसानों पर जब गाड़ी चढ़ा दी गई, तब कहां था आपका ये गैंग? तब मुंह में दही जमाया था क्या? लोग उतने बेवकूफ हैं नहीं, जितना आप और आपकी पार्टी वाले समझते हैं. अब "नेहा सिंह मुर्दाबाद...शिवराज जी के सम्मान में महिला मोर्चा मैदान में..." ऐसे नहीं, मेरे पुतले भी जलवाओ, फिर अनशन और भूख हड़ताल करो.सब कुछ करना, लेकिन दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार हो तो मुंह में दही जमा लेना...ठीक है!
इस पर आकाश अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि नेहा, कैसन दोगला है तेरी बात बा, खाली बीजेपी के ही खिलाफ बा, साइयां के गुनाह पर मिली थी सजा, उसी के खिसियानी बा, बंगाल में दीदी जला दी गरीबों के आशियान बा, ओ नेहा, बंगाल में सब ठीक बा?
वहीं सुपम दास कहते हैं कि नेहा जी मैं एमपी की जनता के रूप में आपको जवाब देना चाहता हूं मध्य प्रदेश में क्या कमी है मध्य प्रदेश आज इतना विकसित राज्य है, जिसकी कल्पना कभी कांग्रेस ने की भी नहीं होगी. जब एमपी में कांग्रेस की सरकार थी यहां की सड़कें चलने लायक नहीं थी.मगर आज दृश्य कुछ अलग है ,मामा है तो विकास है.
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