यह धार्मिक संघर्ष नहीं है : कार्डिनल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 28 जुलाई 2023

यह धार्मिक संघर्ष नहीं है : कार्डिनल

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मुम्बई. कमोवेश मणिपुर में हिंसा जारी है.तीन मई से जारी मामले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. सीबीआई ने इस मामले में छह एफआईआर दर्ज किए हैं और 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.सीबीआई के अधिकारी मणिपुर में चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के मामले की भी जांच कर रहे हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है.सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार कहा था कि जल्द ऐसी सख्त कार्रवाई करें, जिसका असर जमीन पर दिखे नहीं तो हम कार्रवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में आज सुनवाई होगी. इससे पहले गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि सीबीआई मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वायरल वीडियो की जांच करेगी.मणिपुर सरकार के साथ विचार के बाद इस केस को सीबीआई को सौंपा गया है. महिलाओं को नग्न घुमाने के मामले में मणिपुर पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध विशेष रूप से मणिपुर के मामले जैसे जघन्य मामले में उसकी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है.मणिपुर सरकार ने 26 मई को सीबीआई से मामले की जांच कराने की सिफारिश की थी.इसे गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है. गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि केस का ट्रायल मणिपुर से बाहर करने का निर्देश दे.मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह सीबीआई को आरोपपत्र दाखिल करने की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमा समाप्त करने का निर्देश दे.       

                                          

बता दें कि मणिपुर तीन मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है.आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद तीन मई को आदिवासी एकता रैली निकाली गई थी.इसके बाद से हिंसा हो रही है. मैतेई और कुकी समुदाय के लोग आमने-सामने हैं.हिंसा में 160 से अधिक लोगों की जान गई है. इस बीच मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष पर मुम्बई महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड  ग्रेसियस ने एक संदेश जारी किया है.  मुंबई के आर्चबिशप ओसवाल्ड कार्डिनल ग्रेसियस ने कहा है कि मणिपुर हिंसा धार्मिक नहीं जातीय संघर्ष है. चर्च को भी शांति के लिए आगे आना चाहिए. मणिपुर तीन मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है.इस बीच इसे धार्मिक संघर्ष का रंग देने की भी कोशिश की गई. मुंबई के आर्चबिशप ओसवाल्ड कार्डिनल ग्रेसियस ने इस तरह की बातों को बेबुनियाद बताया है.उन्होंने कहा है कि मणिपुर हिंसा धार्मिक नहीं, जातीय संकट है. चर्च को भी शांति के लिए आगे आना चाहिए. कार्डिनल ग्रेसियस ने अपने वीडियो मैसेज में कहा, "मणिपुर में जो कुछ हो रहा है उसे धार्मिक रंग देने की कोशिश की गई है, लेकिन यह धार्मिक संघर्ष नहीं है.यह आदिवासी संघर्ष है.दो जनजाति जो ऐतिहासिक रूप से एक-दूसरे के प्रति बहुत अधिक शत्रुतापूर्ण रहे हैं आमने-सामने हैं."  ग्रेसियस ने कहा कि कुछ विधान के चलते हिंसा भड़क गई है. चर्चों को तोड़ा गया है, लेकिन मंदिरों को भी नष्ट किया गया है. हम ऐसा कुछ नहीं कर सकते, जिससे स्थिति और खराब हो.सद्भाव और शांति के लिए प्रयास जारी रखना चाहिए.चर्च को भी इसके लिए आगे आना चाहिए. बता दें कि मणिपुर तीन मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है.कुकी आदिवासी समूह और मैतेई समुदाय के लोगों के बीच संघर्ष हो रहा है.इसके चलते 160 से अधिक लोग मारे गए हैं.हजारों घरों को जलाया गया है.40,000 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.केंद्र सरकार ने राज्य में अर्धसैनिक बलों और सेना के जवानों को तैनात किया है. हिंसा को लेकर करीब 6,000 केस दर्ज हुए हैं. चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया था.FIR के अनुसार इनमें से एक महिला के साथ गैंगरेप किया गया था.महिलाओं के नग्न परेड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया है.

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