मधुबनी : दवाओं की कमी नहीं बनेगी राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में बाधक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 7 जुलाई 2023

मधुबनी : दवाओं की कमी नहीं बनेगी राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में बाधक

  • सचिव स्वास्थ्य-सह-कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति ने पत्र जारी कर सभी सिविल सर्जन को दिया निर्देश  
  • तीन प्रकार की औषधियों का जिला स्तर पर किया जा सकेगा क्रय 

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मधुबनी, राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत पांच प्रकार की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। यह दवाएं हैं, आइसोनियाजिद टेबलेट 100 मिलीग्राम एवं 300 मिलीग्राम, पायिराजीनामाइड टेबलेट 400, 500, 750 एवं 1000 मिलीग्राम, रिफाम्पीसिन टेबलेट 150, 300 एवं 450 मिलीग्राम, लाइनजोलिड टेबलेट 600 मिलीग्राम एवं लिवोफ्लोक्सासिन 250 एवं 500 मिलीग्राम। दवाओं की कमी राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में बाधक नहीं बने और इनकी उपलब्धता हर समय बनी रहे, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाली कुछ दवाओं की खरीद जिला स्तर पर भी की जा सकेगी। इस संदर्भ में सचिव स्वास्थ्य-सह-कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर राज्य के सभी सिविल सर्जन को आवश्यक निर्देश दिए हैं।


केंद्र सरकार के निर्देशानुसार लिया गया निर्णय

सचिव स्वास्थ्य-सह-कार्यपालक निदेशक द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले बच्चों एवं वयस्कों में टीबी से सुरक्षा के लिए उन्हें प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट के रूप में आइसोनियाजिद टेबलेट 100 मिलीग्राम एवं 300 मिलीग्राम एवं लिवोफ्लोक्सासिन 250 एवं 500 मिलीग्राम दिया जाता है। इसके अतिरिक्त पायिराजीनामाइड टेबलेट 400, 500, 750 एवं 1000 मिलीग्राम, रिफाम्पीसिन टेबलेट 150, 300 एवं 450 मिलीग्राम, लाइनजोलिड टेबलेट 600 मिलीग्राम एवं लिवोफ्लोक्सासिन 250 एवं 500 मिलीग्राम का उपयोग विशेष परिस्थितियों जैसे एडवर्स ड्रग रिएक्शन, एमडीआर/आरआर/एच-मोनो/पोली रेसिस्टेंट टीबी के उपचार में किया जाता है। जारी पत्र में बताया गया है कि अभी तक सभी पांच प्रकार की दवा केंद्रीय यक्ष्मा प्रभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से प्राप्त होती थी। भारत सरकार के स्तर पर क्रय में संभावित विलंब को देखते हुए स्थानीय स्तर पर उक्त औषधियों के क्रय का निर्देश दिया गया है।


दो दवाएं होंगी उपलब्ध राज्य स्तर पर

जारी पत्र में बताया गया है कि औषधियों का स्थानीय क्रय करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा बिहार चिकित्सा सेवाएं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड, पटना (बीएमएसआईसीएल) से अनुरोध किया गया था। बीएमएसआईसीएल द्वारा तीन प्रकार की औषधियां आइसोनियाजिद टेबलेट 100 मिलीग्राम एवं 300 मिलीग्राम, पायिराजीनामाइड टेबलेट 400, 500, 750 एवं 1000 मिलीग्राम एवं रिफाम्पीसिन टेबलेट 150, 300 एवं 450 मिलीग्राम का दर अनुबंध एवं भंडारण नहीं होने की सूचना से अवगत कराते हुए उक्त तीन प्रकार की औषधियों की उपलब्धता विभागीय दिशा निर्देश के आलोक में करने की संसूचना उपलब्ध करायी गयी है। टीबी के उपचार में इस्तेमाल होने वाली शेष दो प्रकार की औषधियों लाइनजोलिड टेबलेट 600 मिलीग्राम एवं लिवोफ्लोक्सासिन 250 एवं 500 मिलीग्राम का दर अनुबंध बीएमएसआईसीएल के स्तर से किया गया है। इन दोनों औषधियों की आपूर्ति बीएमएसआईसीएल से प्राप्त करने के लिए इन औषधियों की आवश्यकता का आकलन करते हुए डीवीडीएमएस के माध्यम से ऑनलाइन इंडेंट किया जाए। 


जिला स्वास्थ्य समितियों के आवंटित बजट से किया जायेगा क्रय

टीबी रोगियों के बचाव एवं उपचार में इस्तेमाल होने वाली सभी पांच प्रकार की औषधियों की आवश्यकता का आंकलन करते हुए तीन प्रकार की औषधियों आइसोनियाजिद टेबलेट 100 मिलीग्राम एवं 300 मिलीग्राम, पायिराजीनामाइड टेबलेट 400, 500, 750 एवं 1000 मिलीग्राम एवं रिफाम्पीसिन टेबलेट 150, 300 एवं 450 मिलीग्राम का जिला स्तर पर क्रय बिहार वित्त नियमावली एवं विभागीय क्रय अनुदेशों तथा एनएचएम के तहत फ्री ड्रग सर्विसेज इनिशिएटिव के वित्तीय दिशा निर्देश 2023-24 में निहित प्रावधानों के आलोक में बजट शीर्ष एनडीसीपी 4/सीरियल नंबर 77 में जिला स्वास्थ्य समितियों को आवंटित बजट से किया जाये। दो प्रकार की औषधियों लाइनजोलिड टेबलेट 600 मिलीग्राम एवं लिवोफ्लोक्सासिन 250 एवं 500 मिलीग्राम की आपूर्ति प्राप्त करने के लिए कंडिका 3 के आलोक में बीएमएसआईसीएल को डीवीडीएमएस से ऑनलाइन इंडेंट जिला केंद्रीय औषधि भंडार के समंवय से शीघ्र किया जाए। जारी पत्र में निर्देशित है कि यक्ष्मा रोग के उपचार से संबंधित औषधियों की आवश्यकता आधारित उपलब्धता बनाये रखना सुनिश्चित किया जाए, ताकि उक्त औषधियों के अभाव में प्रोग्रामेटिक मैनेजमेंट ऑफ़ टीबी प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट बाधित नहीं होने पाए।

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