पटना, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने एक प्रेस बयान जारी कर आशा कार्यकर्ता और आशा फैसिलिटेटर द्वारा 12 जुलाई से चल रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन किया है. ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सोहिला गुप्ता और राज्य सचिव अनिता सिन्हा ने कहा कि पारितोषिक नहीं, मासिक मानदेय चाहिए, 1000 नहीं 10000 रू. नियमित मासिक मानदेय चाहिए, आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य कर्मचारी घोषित करने समेत 9 सूत्री मांगों की पूर्ति को लेकर पूरे बिहार की तकरीबन एक लाख आशा और आशा फैसिलिटेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. राज्य सरकार अविलंब राज्य आशा कार्यकर्ता संघ के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाए. आशा कार्यकर्ता और फैसिलिटेटर राज्य की ग्रामीण स्वास्थ्य क्षेत्र की रीढ़ हैं. उनके हड़ताल पर जाने से बिहार का ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गया है. आशाओं के समर्थन में पूरे बिहार में ऐपवा के कार्यकर्ता भी उनके साथ आन्दोलन में सड़क पर हैं. सरकार बजट सत्र 2023 में किए गए घोषणा के अनुसार आशा कार्यकर्ताओं की मांगों पर सम्मानजनक वार्ता कर उनकी मांगे पूरी करे.
बुधवार, 19 जुलाई 2023
पटना : हड़ताली आशाकर्मियों-फैसिलिटेटरों से वार्ता करके समस्या का समाधान करे सरकार : ऐपवा
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