बिहार : डॉ. ए.के. सिंह बीएयू सबौर के निदेशक (अनुसंधान) बने - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 13 जुलाई 2023

बिहार : डॉ. ए.के. सिंह बीएयू सबौर के निदेशक (अनुसंधान) बने

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पटना के जाने-माने शस्य वैज्ञानिक डॉ. ए. के. सिंह ने दिनांक 12.07.2023 को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में निदेशक (अनुसंधान) का कार्यभार संभाला | कृषि विशेषज्ञ के रूप में उनके पास 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है।  डॉ. सिंह इससे पूर्व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना;  एनबीपीजीआर, क्षेत्रीय केन्द्र, श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर); फसल अनुसंधान कार्यक्रम, पूसा, बिहार आदि स्थानों में भी शस्य वैज्ञानिक के रूप में अपनी अपनी बहुमूल्य सेवाएं दे चुके हैं | राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय विभिन्न शोध पत्रिकाओं में उनका योगदान है: 150 शोध पत्र , 09 पुस्तकें, 200 अन्य प्रकाशन (61 पुस्तक अध्याय, 78 लोकप्रिय लेख, 59 सम्मेलन सार आदि | डॉ. सिंह ने अपने अथक प्रयास से वर्षा आधारित और सिंचित स्थितियों के लिए स्वर्ण सुरक्षा और स्वर्ण गौरव नामक फाबा बीन की दो किस्में विकसित की हैं, जिससे पूर्वी भारत के बहुत से किसान एवं अन्य हितधारक लाभान्वित हो रहे हैं।  उन्हें हिंदी में सर्वश्रेष्ठ तकनीकी पुस्तक के लिए राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राजभाषा गौरव पुरस्कार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी हिंदी पत्रिका पुरस्कार (मुख्य संपादक के रूप में) जैसे कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है | उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय सम्मेलन एवं वेबिनार के आयोजन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है एवं कई संस्थान, बाह्य एवं अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में भी कार्य किया | साथ ही साथ, डॉ. सिंह कृषि मञ्जूषा एवं जर्नल ऑफ एग्रिसर्च पत्रिकाएं, जो सोसाइटी ऑफ अपलिफ्टमेंट ऑफ रूरल इकोनॉमी, वाराणसी के तत्वाधान में संचालित की जाती हैं, के प्रधान संपादक भी हैं | उन्होंने निदेशालय के सभी वैज्ञानिकों एवं  कर्मचारियों से बातचीत के क्रम में कहा कि हमें कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने की जरूरत है तथा विश्वविद्यालय और इसके अधीनस्थ महाविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों में कृषि अनुसंधान से संबंधित आ रही चुनौतियों पर युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए अन्य राज्य कृषि विश्वविद्यालय एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर अनुसंधान को एक नई दिशा देना है, जिससे किसान भाइयों एवं बहनों का हित हो सके |

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