- भारत को आधुनिक, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक राज्य बनाने के लक्ष्य की राह के हर रोड़े को दूर करने का प्रयास
यूसीसी का जितना विरोध मुस्लिम समुदाय की ओर से हो रहा है, उससे कई ज्यादा गुना ज्यादा विरोध मेघालय और नागालैंड जैसे पूर्वाेत्तर के राज्यों और पूरे देश के आदिवासी समुदायों द्वारा किया जा रहा है. यूसीसी का एजेंडा, मुसलमानों का खलनायक करण करने और समाज को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की व्यापक परियोजना का हिस्सा है. ‘लव जिहाद’ के विषाक्त मिथक को प्रसारित और प्रचारित किया जा रहा है तथा “मुस्लिम आबादी, हिंदुओं की आबादी से ज्यादा हो जाएगी” के निराधार और बेतुके नैरेटिव का उपयोग कर यूसीसी को स्वीकार्य बनाने की कोशिशें हो रही हैं. ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि सरकार के इस कुत्सित षड़यंत्र को सफल नहीं होने दिया जाए. आज देश की जनता बेरोज़गारी और जीवनयापन के बढ़ते खर्च से परेशान है. यूसीसी का मुद्दा छेड़कर भाजपा इन प्रश्नों पर चर्चा से बचना चाहती है. भारत को आधुनिक, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक राज्य बनाने के लक्ष्य की राह के हर रोड़े को दूर करने का प्रयास करना चाहिए और सामाजिक दमन और हिंसा पर आधारित मनु की संहिता को देश पर लादने के हर प्रयास का विरोध करना चाहिए. हम सब लैंगिक न्याय और समानता के पक्षधर हैं, लेकिन यूसीसी के बहाने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और मुसलमानों को खलनायक के रूप में प्रस्तुत करने की राजनीति के हम पूरी तरह खिलाफ हैं. माले राज्य सचिव ने यह भी कहा कि बिहार में तो भाजपा एनआईए के जरिए लगातार मुस्लिम समुदाय में आतंक की स्थिति पैदा किए हुए है. फुलवारीशरीफ से लेकर दरभंगा तक हर कहीं, एनआईए का आतंक जारी है. हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि वह एनआईए की गैरकानूनी गतिविधियों पर भी रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए.
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